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आरा: बिहार सरकार और पुलिस की सख्त कार्रवाई के बाद कैमूर पहाड़ी के इलाके में लगभग एक दशक से नक्सलियों के उखड़ते पांव के बीच एक बार फिर नक्सलियों की इस इलाके में सक्रियता को लेकर सरकार और प्रशासन के कान खड़े हो गए हैं. दो साल पूर्व गिरफ्तार हुए माओवादी नेता विजय आर्या के संगठन विस्तार के कार्यों से जुड़े स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा एक बार फिर नक्सली गतिविधियों को लेकर बढ़ी सक्रियता के बाद सरकार और प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने विजय आर्या के नेटवर्क से जुड़े लोगों के यहां माधा व सोली में छापामारी कर कई आपत्तिजनक सामग्रियां जब्त की हैं. एनआईए की छापेमारी के बाद जब्त आपत्तिजनक सामाग्रियों से अब यह साफ हो गया है कि एक दशक के भीतर कैमूर की पहाड़ी से खत्म हुए नक्सलियों की जमीन को एकबार फिर से तैयार करने की कोशिशें तेज हुई है.
नक्सलियों की नजर सरकार की चल रही करोड़ों-करोड़ रूपये की योजनाओं पर है जहां से लेवी की वसूली से इन्हे भारी भरकम कमाई होती है.

भाकपा माओवादी के संगठन को फिर से पहाड़ी इलाकों में खड़ा करने की की कोशिश चल रही है. गत एक दशक के भीतर कैमूर की पहाड़ी के जर्रे-जर्रे पर कायम नक्सलियों के पूरे नेटवर्क को सरकार ने ध्वस्त कर दिया था. रोहतास गढ़ किला हो या मांझर कुंड, धुंआ कुंड, सीता कुंड, तुतला भवानी जैसे कैमूर की पहाड़ी पर स्थित इलाके हों सबके सब नक्सलियों से खाली करा लिए गए और अब ये इलाके पर्यटक स्थल के रूप में आकर्षण का केंद्र बने हैं. यहां पर्यटकों का सैलाब उमड़ रहा है.

ऐसे में इन स्थलों पर पुनः नक्सली कब्जे की कोशिशें हैरान करने वाली है. एनआईए की छापेमारी के बाद हुए नए खुलासे के बाद पुलिस भी सक्रिय हो गई है और किसी भी तरह के नक्सलियों के उठने वाले फन को कुचलने की तैयारी में है.
बताया जाता है कि एनआईए की छापामारी में गोला-बारूद के अलावा मोबाइल एवं कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किये गए हैं. रेहल में एक पूर्व मुखिया के यहां से 14 कारतूस मिले हैं. सोली में एक पूर्व सरपंच के यहां से भी कुछ आपत्तिजनक सामान मिले हैं. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का दावा है कि कैमूर पहाड़ी के लोग विकास कार्यों को तरजीह देकर लोकतंत्र में आस्था जता रहे हैं. ग्रामीणों के सहयोग व पुलिस की तत्परता से नक्सलियों का मंसूबा कामयाब नहीं होने दिया जाएगा.

बता दें कि भाकपा माओवादी के शीर्ष नेता विजय कुमार आर्य को रोहतास थाना के समहुता गांव के निकट से उमेश चौधरी के साथ 13 अप्रैल 2022 को गिरफ्तार किया गया था. आर्य भाकपा माओवादी संगठन को रोहतास में मजबूत करने व संगठन के लिए धन एकत्र करने में जुटा हुआ था. उसके पास से एक टैब, पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क, वाइस रिकार्डर, की पैड मोबाइल, भाकपा माओवादी का पर्चा, साहित्य व दस हजार रुपये बरामद हुए थे. समहुता गांव में वह उमेश चौधरी के घर अपने एक सहयोगी राजेश गुप्ता के साथ रहकर नक्सली संगठन को विस्तार दे रहा था. इस मामले में अनिल यादव उर्फ अनिल व्यास, राजेश कुमार गुप्ता और रूपेश कुमार सिंह भी अभी जेल में हैं.अब ऐसी नक्सली गतिविधियों को समूल समाप्त करने की दिशा में पुलिस और प्रशासन जुट गया है.

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