बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन और एनडीए के बीच मुकाबला होने की पूरी संभावना है। इसी बीच मुख्यमंत्री चेहरा को लेकर महागबंधन के अंदर चर्चा हो रही है। इसको लेकर कांग्रेस ने कई बार सवालों को दरकिनार किया किया है। लेकिन कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने ‘महागठबंधन’ की तरफ से मुख्यमंत्री पद के लिए तेजस्वी यादव के प्रमुख चेहरा होने को लेकर साफ ऐलान कर दिया है।
कन्हैया कुमार ने कहा कि विधानसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन के जीतने पर सबसे बड़े घटक दल के रूप में राजद का नेता ही स्वाभाविक रूप से मुख्यमंत्री होगा। कन्हैया कुमार ने कहा कि चुनाव में मुद्दे महत्वपूर्ण हैं, लेकिन एक ‘साजिश’ के तहत इससे ध्यान भटकाने के लिए बार-बार चेहरे की बात की जा रही है।
कन्हैया कुमार ने एक प्राइवेट न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि मेरे खयाल से पिछली बार भी बदलाव का माहौल था। थोड़े अंतर से महागठबंधन की सरकार नहीं बन पाई। पिछले पांच वर्षों से बिहार की जो स्थिति है, उससे लगता है कि बदलाव की बयार पहले से ज्यादा मजबूत है।
बिहार विधानसभा चुनाव इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है। महागठबंधन यानी कि वाम दलों के साथ ही राजद, कांग्रेस और मुकेश सहनी पार्टी शामिल है। इस गठबंधन का मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में बीजेपी, नीतीश कुमार की जेडीयू, जीतन राम मांझी की हम, चिराग पासवान की एलजेपी (आर) और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम से होना है।
पिछले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के सबसे बड़े घटक राजद ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 52 प्रतिशत की सफलता दर से 75 सीटें हासिल की थी. कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ी, लेकिन उसे 27 प्रतिशत सीटों पर ही सफलता मिली थी और उसने सिर्फ 19 सीटें जीती थीं. भाकपा (माले) लिबरेशन ने 19 सीट पर चुनाव लड़ा और 12 पर जीत हासिल की थी यानी उसे 63 प्रतिशत सीटों पर कामयाबी मिली थी।
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