पटनाः बिहार में शिक्षा विभाग के अपर सचिव के.के. पाठक जब से कमान संभाले हैं। तबसे वो लगातार इसमें सुधार को लेकर नए- नए फरमान जारी करते रहते थे। इतना ही नहीं पाठक खुद कई जगहों पर स्कूल में जाकर औचक निरीक्षण भी कर रहे हैं और काम में लापरवाही बरतने वाले लोगों के खिलाफ एक्शन ले रहे हैं। इसी कड़ी में अब एक ताजा मामला स्कूलों से पूर्व अनुमति के बगैर गायब रहने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों से जुड़ा हुआ है।
दरअसल, राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश के बाद पिछले करीब दो महीने के भीतर इस मामले में 6 हजार शिक्षकों का वेतन काटा गया है। वहीं, 55 शिक्षकों को गैरहाजिर रहने समेत विभिन्न मामलों में निलंबित किया गया है। एक जुलाई से राज्यभर के विद्यालयों का निरीक्षण किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि, के के पाठक के आदेश के बाद राज्य के चार जिले पूर्वी चंपारण, जमुई, शिवहर और सारण जिले में एक जुलाई से लेकर अभी तक एक भी शिक्षक का वेतन नहीं काटा गया है। वहीं, भागलपुर जिले में दो, अरवल में तीन तथा खगड़िया और रोहतास में नौ-नौ शिक्षकों का वेतन कटा है। अन्य जिलों में दस से लेकर 300 शिक्षकों तक का वेतन काटा गया है।
इसके साथ ही राज्य के अंदर बीते दो महीने के भीतर 55 शिक्षकों को विभिन्न कारणों से निलंबित किया गया है। इन सबसे ज्यादा करीब 26 शिक्षक एक ही जिले सीतामढ़ी से हैं। दूसरे नंबर पर बांका जिला है, जहां 6 शिक्षक सस्पेंड हुए हैं। बीते दो महीने में राज्य के 24 जिलों में एक भी शिक्षक निलंबित नहीं हुआ है।
बताते चलें कि, हर एक विद्यालय का सप्ताह में कम-से-कम दो बार निरीक्षण हो इसका आदेश विभाग ने जारी किया है। साथ ही जिलों से निरीक्षण की रिपोर्ट भी प्रतिदिन विभाग को जिलों के माध्यम से प्राप्त हो रही है। जिलों को निर्देश है कि निरीक्षण में न सिर्फ अनुपस्थित पाए गए शिक्षक, बल्कि उनपर क्या कार्रवाई हुई है, इसकी रिपोर्ट विभाग को देना है।