खगड़िया जिला परिषद अध्यक्ष सह जिला परिषद अध्यक्ष संघ की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती कृष्णा कुमारी यादव ने गुरुवार को पटना स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद भवन में आयोजित त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की और त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए 9 सूत्री मांग पत्र सौंपा।
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कई मांगों पर त्वरित संज्ञान लेते हुए महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। श्रीमती यादव ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि 15 लाख तक की योजनाओं का कार्यान्वयन विभागीय स्तर पर किया जाए जिससे कार्यों में तेजी लाई जा सके।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जिला परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सभी सदस्यों के मानदेय में डेढ़ गुना वृद्धि का आश्वासन दिया। अब जिला परिषद से जुड़े सभी वित्तीय लेनदेन की संचिका जिप अध्यक्ष के अनुमोदन से ही आगे बढ़ेगी।
मनरेगा योजना में मुखिया को मिलने वाली योजना अनुशंसा की सीमा को 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख कर दिया गया है। वहीं, यदि किसी पंचायत जनप्रतिनिधि की कार्यकाल के दौरान स्वाभाविक या आकस्मिक मृत्यु होती है, तो उनके आश्रितों को 5 लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान दिया जाएगा।
इससे भी बड़ी राहत की बात यह है कि अब कोई भी पंचायत जनप्रतिनिधि यदि बीमार पड़ते हैं, तो मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से उनके इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी।
श्रीमती कृष्णा कुमारी यादव ने बताया कि यह बैठक उनके विशेष आग्रह पर संभव हो सकी। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधि और राज्य के सभी जिप अध्यक्ष के साथ बैठक करने के लिए तिथि सुनिश्चित करने हेतु 30 मई को ही मुख्यमंत्री को पत्र संघ के अध्यक्ष की हैसियत से भेजकर इस बैठक के लिए अनुरोध किया था।जिसके आलोक में मुख्यमंत्री बीस शिष्टमंडल के साथ बैठक किया।
बैठक के दौरान कृष्णा कुमारी यादव ने अपना विचार रखते हुए कहा कि देश में विकास का तीन स्तर है, जिसमें पंचायत, राज्य और केंद्र का संवैधानिक व्यवस्था। पर पंचायती राज व्यवस्था को समाप्त किया जा रहा है। इसे अक्षुण रखते हुए और सुदृढ़ बनाने की जरूरत है, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर इशारा करते हुए जो आपसे संभव है।
श्रीमती यादव ने अपने 15 मिनट के भाषण में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि की सभी समस्याएं मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जिस पर त्वरित कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री द्वारा जो दिशा-निर्देश व मार्गदर्शन मिला है, वह त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को और सशक्त करेगा। गांव, टोला व कस्बे के समुचित विकास से ही बिहार का समग्र विकास संभव है।”
बैठक के बाद उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से मिली सकारात्मक ऊर्जा और प्रेरणा से सभी प्रतिनिधियों में नई उत्साहवर्द्धक भावना जगी है। इससे पंचायत व्यवस्था के माध्यम से विकास की रफ्तार और तेज़ होगी।
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