पटनाः इतिहासिक गांधी मैदान में महागठबंधन की जन विश्वास महारैली संपन्न हो गयी। इस रैली में महागठबंधन के तमाम बड़े नेता शामिल हुए। साथ ही कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित किया है। वहीं राजद सुप्रीमो लालू यादव ने मंच से संबोधित करते हुए लोगों से पूछा कि दिल्ली के ऊपर कब्जा करेके के बा…तैयार बरा सब लोग..यदि तैयार बरा तो हाथ उठाकर दिखा दा और बता दी कि हम सब तैयार बानी।
लालू ने तेजप्रताप और तेजस्वी के हाथ को मजबूत बनाने की बात कही। कहा कि हमसे से भी ज्यादा तेजस्वी मेहनत कर रहा है। दोनों बेटों का हाथ उठाकर लालू ने लोगों को इनका साथ देने की बात कही। बोले कि चुनाव की तैयारी में लग जाईए हम खुद सब जगह आएंगे। लालू यादव ने लोगों को मंच से संबोधित भी किया। पूराने दिनों की याद ताजा कराते हुए लालू ने कहा कि पहले दलित, पिछड़ा, आदिवासियों को वोट के अधिकार से दूर रखा जाता था। मतदान केंद्र को सामंती लोग अपने दरवाजा पर रखते थे। इसलिए कि ये लोग वोट डालने नहीं आए और उनके वोट को लूट लिया जाए। हमने उनको ताकत दिया।
लालू ने आगे कहा कि इसी गांधी मैदान में हमने छोटी छोटी जातियों का सम्मेलन कराया था। मंडल कमीशन लागू कराया जिसका नतीजा हुआ कि आज कोई भी गरीबों के तरफ आंख नहीं दिखाता। आज इनको आंख दिखाने की हिम्मत किसी को नहीं है। आज हर पिछड़ा वर्ग, दलित गरीब सत्ता के मुख्य दरवाजे पर आकर खड़ा है।
पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए लालू ने कहा कि ये मोदी क्या कोई चीज है? आजकल नरेंद्र मोदी परिवारवाद पर हमला कर रहे हैं। इनको कोई संतान नहीं हुआ। ज्यादा संतान होने वाले लोगों को परिवारवाद की बात करते हैं। इनके पास कोई परिवार नहीं है। ये हिन्दू भी नहीं है। इनकी माता जी का जब देहांत हुआ था तब इन्होंने बाल भी नहीं छिलवाया। देशभर में नफरत फैलाने का काम नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। भगवान जी बिना प्राण प्रतिष्ठा के इतना दिन से थे।
बिहार में राजा दशरथ के जनकपुर में रामचंद्र जी का विवाह हुआ है। बिहार जैसा राज्य एक से एक यहां सुरमा यहां पर पैदा लिये। इसी गांधी मैदान में ना जाने कितना बार देशभर के नेताओं का सभा हुआ और यही से देशभर में संदेश गया। बिहार के हवा में इतना दम है कि जो बिहार फैसला लेता है वही देश के लोग अनुकरण करते है।
लालू ने कहा कि तेजस्वी यादव काफी मेहनत कर रहा है बिहार के लोगों को नौकरी दी। हम रोज पूछते थे कि आज कितना नौकरी दिया। सिपाही का कितना बहाली किया कितने लोगों को शिक्षक की नौकरी दी। नीतीश को हमने कोई गाली नहीं दी। उनको यही कहा कि वो पलटूराम है। नहीं पलटना चाहिए था लेकिन दोबारा हमसे गलती हो गयी। दोबारा ई पलट गये नरेंद्र मोदी के पैरों के नीचे चले गये। हम देखते हैं कि ये टेलिफोन में एक से एक रील नीतीश का बनाता है। यह देखकर नीतीश कुमार को शर्म नहीं आती है क्या? दिन रात पेट को सहलाते हैं। इधर तो देख रहे हैं कि शरीर भी काम नहीं कर रहा है। और भी पता नहीं कि उनकों कौन बीमारी पैदा ले लेगा।