लालू यादव से मुलाकात के बाद पशुपति पारस पूरे जोश में, बोले-समय बलवान होता है..2025 में दरवाजे में खुले हैं..

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पटनाः बिहार में चुनावी साल को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही है। खास करके मकर संक्रांति के बाद कुछ ना कुछ बड़ी राजनीतिक हलचल जरूर होने की बात कही जा रही थी। लेकिन लालू यादव ने एनडीए से नाराज चल रहे पशुपति पारस के घर भोज में पहुंच कर 2025 में बिहार की राजनीति को नई दिशा देने की पहल शुरु कर दी है।

यानी 2025 में जिस जीत का दावा लालू यादव कर रहे हैं, उसकी जमीन उन्होंने तैयार कर दी है. आरजेडी सुप्रिमो ने बड़े बेटे तेज प्रताप के साथ दही चुड़ा भोज में पहुंच कर ना सिर्फ पशुपति पारस को महागठबंधन में आने का न्योता दिया बल्कि एक तरह से सत्ताधारियों के लिए बड़ी चुनौती भी पैदा कर दी।

लालू यादव से मुलाकात के बाद पशुपति पारस भी जोश में नजर आए. यानी उनकी डूबती राजनीतिक नैया को किनारा मिलता हुआ नजर आने लगा. आज बुधवार को करीब 20 मिनट तक पशुपति पारस और लालू यादव की मुलाकात हुई. उसके बाद राष्ट्रीय लोजपा के अध्यक्ष ने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा कि लालू यादव ने मान बढ़ाया. नीतीश कुमार मिले नहीं फिर भी उन्हें निमंत्रण देने गया था. एनडीए मुझे अपना हिस्सा नहीं मानती. 2025 में रास्ते खुले हैं. इंतजार कीजिए समय का क्योंकि व्यक्ति नहीं बल्कि समय बलवान होता है।

वहीं इससे पहले जब लालू यादव से पूछा गया कि क्या पशुपति कुमार पारस को महागठबंधन में रखिएगा? इस पर लालू यादव ने हां में जवाब दिया था, जिसके बाद बिहार की राजनीति में चुनाव से पहले कुछ बड़ा होने की चर्चा शुरू हो गई है, क्योंकि एनडीए से निकलने के बाद पशुपति पारस अपनी राजनीति को हाशिए पर तो जाने नहीं देंगे. उन्हें किसी ना किसी गठबंधन में शामिल तो होना ही था।

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