लोकसभा स्पीकर ने सदन के बारे में की बड़ी अपील, राजनीतिक दलों से मांगा सहयोग

3 Min Read

पटनाः लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पटना में आयोजित 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन (AIPOC) का उद्घाटन किया। इसके बाद संबोधन में सदन की गरिमा, सत्रों की संख्या में कमी, सदन में हंगामे और व्यवधान पर चिंता जताई और सदस्यों से सदन की कार्यवाही में अनुशासन और गरिमा बनाए रखने की अपील की। उन्होंने सभी दलों के नेताओं से कहा कि सदनों को बार-बार स्थगित होने से रोकना चुनौतीपूर्ण कार्य है। इसके लिए एकजुट होने की जरुरत है।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन बहस और चर्चा के लिए मंच हैं और विधायकों से लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने की उम्मीद की जाती है। सत्र की संख्या में कमी के कारण विधानमंडल अपने संवैधानिक दायित्व को पूरा करने में विफल हो रहे हैं। उन्होंने सांसदों से राष्ट्रीय मुद्दों को संबोधित करने और लोगों की आवाज को सदन में सही तरीके से उठाने के लिए संसदीय समय के उपयोग को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।

ओम बिरला ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है कि सदन में स्वस्थ बहस और विचारों का आदान-प्रदान हो। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी राजनीतिक दलों को अपने सदस्यों के लिए आचार संहिता बनानी चाहिए, ताकि सदन की गरिमा बनी रहे। उन्होंने विधानमंडलों को तकनीकी युग से जुड़ने की सलाह देते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और सोशल मीडिया का उपयोग सदन की कार्यप्रणाली को प्रभावी बनाने में मददगार हो सकता है।

ओम बिरला ने बताया कि कई विधानमंडल पहले ही कागज रहित हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक विधायी मंच’ के तहत जल्द ही देश के सभी सदन एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आ जाएंगे. सदन की स्वायत्तता और संघीय ढांचे पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य विधानमंडलों को स्थानीय जरूरतों और अपेक्षाओं के अनुसार नीतियां बनानी चाहिए. उन्होंने केंद्र और राज्यों के बीच ‘सहकारी संघवाद’ की भावना को बढ़ावा देने का भी आह्वान किया।

ये भी पढ़ें…9 मार्च को पटना में ‘बदलो बिहार महाजुटान’ रैला, दीपांकर भट्टाचार्य ने 1 से 5 फरवरी तक सीमांचल में पदयात्रा का किया ऐलान

Share This Article