महादलित टोला की दो हजार की आबादी जलजमाव और रोग से पीड़ित
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नालंदा: कम से कम दो तरह से यह खबर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीधे तौर पर जुड़ी है। एक, यह गृह प्रखंड की बात है और दूसरे यह उस वर्ग की बात है जो पहले दलित कहा जाता था लेकिन अपने वोटबैंक को सुदृढ़ करने के लिए नीतीश कुमार ने उसे महादलित वर्ग बना दिया। पासवान समुदाय अब महादलित समुदाय में गिना जाता है।

बहरहाल, नीतीश कुमार के गृह प्रखंड हरनौत की बात है। इस प्रखंड में एक पंचायत सरथा पंचायत है जिसका वार्ड नंबर 2 पासवान नगर कहलाता है। इस महादलित टोला की दो हजार की पासवान आबादी जलजमाव और उससे सम्बंधित रोगों की समस्या से पीड़ित है। आरोप यह है कि अपने प्रखंड के महादलित टोले का ध्यान नीतीश कुमार ने नहीं रखा। इस दो हजार आबादी के रहने वाली जगह में जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है जिससे घरों का पानी मुख्य सड़क पर आकार जमा होता है जिससे जलजमाव स्थायी समस्या बन चुकी है और मानसून के समय वार्ड नंबर दो की स्थिति नारकीय हो जाती है। इससे ग्रामीणों को मुख्य रोड तक आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है ।

जलजमाव से पीड़ित ग्रामीण शंकर पासवान, धर्मवीर पासवान, धर्मेंद्र पासवान, गुमानी पासवान, शिव रतन पासवान, गायत्री देवी, सिकंदर पासवान ने बताया कि पासवान नगर गांव में लगभग 2 हजार की आबादी है। महादलित टोला रहने की वजह से यहां पर कोई भी मूलभूत कार्य धरातल पर नहीं हुआ है। चुनाव के समय नेता, विधायक और स्थानीय मुखिया विकास का वादा करके चुनाव जीत जाते हैं। चुनाव जीतने के बाद उनकी समस्याओं का निदान नहीं होता है ।

गांव के मुख्य रास्ते में घरों से निकलने वाला नल का पानी पूरे गली में जमा होता है। इसकी वजह से बुजुर्ग और बच्चों को काफी फजीहतों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों द्वारा समस्या से समाधान के लिए प्रखंड कार्यालय से लेकर जिला के वरीय अधिकारियों को लिखित आवेदन दिया गया इसके बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है।

ग्रामीणों ने बताया कि साल 2004 में गांव में सिर्फ ईंट सोलिंग कर के छोड़ दिया गया था। गांव में नाली का निर्माण नहीं होने से घरों से निकलने वाला पानी बीच गली में जमा हो जाता है। नाले का पानी जमा होने से बीमारी भी दस्तक देती रहती है। बरसात के दिनों में समस्या और भी गंभीर हो जाती है। ग्रामीण नारकीय जीवन जीने को मजबूर होते हैं। जबकि सरकार की पूरी मशीनरी यहां भी मौजूद है लेकिन सारी बात सुविधा देने के नाम पर अटकी हुई है। इस वार्ड के जनप्रतिनिधि मुखिया से लेकर सरकारी मशीनरी में पंचायत सचिव से प्रखंड विकास पदाधिकारी तक की नजर नहीं जाती और यहां की महादलित आबादी सिर्फ इस मुगालते में रहती है कि उनका वर्ग नीतीश कुमार का चहेता वर्ग है भले ही उन्हें किसी भी तरह की सुविधा नहीं दी गयी हो !!

लेकिन हरनौत के प्रखंड विकास पदाधिकारी उज्जवल कांत इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते। उन्होंने बताया कि पासवान नगर स्थित वार्ड संख्या 2 में जलजमाव की समस्या की जानकारी प्राप्त हुई है और जलजमाव से निदान के लिए पंचायत सचिव को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। यह कहकर उन्होंने अपनी जवाबदेही से पल्ला ही झाड़ा है, ऐसा कहना है धर्मवीर पासवान का जिन्होंने तल्खी से यह जानना चाहा कि उनको जो जानकारी प्राप्त हुई वह मानसून आने के बाद हुई या पहले से है और पंचायत सचिव का काम करने का तरीका कैसा है कि अभी तक इसपर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

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