महाशिवरात्री को लेकर राजधानी पटना सहित बिहार के सभी जिलों में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखी जा रही है। भक्त सुबह से ही हाथ में जल लेकर मंदिरों के बाहर कतार में खड़े दिखे और अपनी बारी का इंतजार करते रहे।
भगवान शिव को जल अर्पित करने की प्रथा हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह मान्यता है कि शिवलिंग पर चढ़ाया गया जल पुण्य फल प्रदान करता है और भक्त को विभिन्न प्रकार के रोगों से मुक्ति दिलाता है। शिवलिंग पर चढ़ाए गए जल को चरणामृत के समान माना जाता है। इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करना शुभ होता है।
महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव की आराधना और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक उत्तम अवसर होता है। इस दिन शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, चावल आदि अर्पित करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। लेकिन शिवलिंग पर चावल चढ़ाने के कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है, ताकि पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त हो सके। यदि श्रद्धा और सही विधि से भगवान शिव की आराधना की जाए, तो व्यक्ति के जीवन की सभी परेशानियां समाप्त हो सकती हैं।
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