आरा: रोहतास जिले के सासाराम में स्थित पायलट बाबा धाम में सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर विशाल मंदिर की स्थापना करने वाले महायोगी महामंडलेश्वर पायलट बाबा ने मुंबई के एक अस्पताल में शरीर का त्याग कर दिया है. पायलट बाबा के देह त्याग करने की खबर के बाद रोहतास और पुरे देश सहित दुनिया भर में फैले उनके अनुयायियों में शोक की लहर है. पायलट बाबा को अक्सर जमीन के नीचे लंबी समाधि या मृत्यु जैसी शारीरिक अवस्था में प्रवेश करने के अपने दावे के लिए जाना जाता है.पायलट बाबा ने पूरी दुनिया में एक सौ से अधिक समाधि लगाई है. इनमें से कुछ भू समाधि एवं एयरटाइट ग्लास में समाधि प्रसिद्ध है. विभिन्न देशों में लगाई गई समाधि वैज्ञानिक परीक्षणों पर भी खरी साबित हुई हैं|
उन्होंने हिमालय की नादा देवी घाटी में एक वर्ष तक तपस्या कर आध्यात्मिक शक्ति हासिल कर लिया था. पायलट बाबा के नाम से विश्वविख्यात होने के बाद उन्होंने कई चमत्कार भी दिखाए. साल 2007 में अर्धकुंभ में समाधि लगा कर वे लाखों साधुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बन गए थे.पायलट बाबा को समाधि या अंत्येष्टि द्वारा मृत्यु का अभ्यास करने के लिए जाना जाता था. उन्होंने 1976 से अब तक अपने जीवन में 110 से अधिक बार समाधी का प्रदर्शन किया है.पायलट बाबा का जन्म रोहतास जिले के नोखा प्रखंड में हुआ था|
उन्होंने कई किताबें भी लिखी. उनकी लिखित किताबों में कैलाश मानसरोवर,ज्ञान के मोती,हिमालय के रहस्यों की खोज करें,अंतरयात्रा’ द इनर जर्नी,आप से स्वयं की तीर्थयात्रा,हिमालयन कह रहा है आदि प्रमुख हैं.पायलट बाबा और उनके अनुयायियों ने सासाराम,हरिद्वार, नैनीताल, उत्तरकाशी समेत कई धार्मिक स्थलों पर मंदिर और आध्यात्मिक ध्यान केंद्र की स्थापना की है.उन्होंने नेपाल और जापान में भी आध्यात्मिक केंद्र की स्थापना की है. उनके लाखों अनुयायी देश और दुनिया भर में फैले हुए हैं. पायलट बाबा धाम सासाराम के सूत्रों ने बताया कि पायलट बाबा को हरिद्वार में समाधी दी जाएगी. देश और दुनिया भर के अनुयायी हरिद्वार के लिए निकल चुके हैं.