Mamata Banerjee एसआईआर का विरोध क्यों कर रहीं हैं? राजनीतिक हलचल तेज
पश्चिम बंगाल में होने वाले 2026 विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक तापमान चरम पर है। बिहार में राजद–कांग्रेस गठबंधन की करारी हार के बाद अब बंगाल में टीएमसी बनाम बीजेपी की निर्णायक जंग शुरू हो चुकी है।
इसी के केंद्र में है—स्पेशल इंवेस्टिगेटिव रिवीजन (SIR)—जिसका ममता बनर्जी खुलकर विरोध कर रही हैं।
- Mamata Banerjee एसआईआर का विरोध क्यों कर रहीं हैं? राजनीतिक हलचल तेज
- एसआईआर पर ममता का विरोध: वोट बैंक को बचाने की रणनीति?
- पश्चिम बंगाल चुनाव 2026: 294 सीटों की सबसे बड़ी जंग
- एसआईआर लागू होते ही बांग्लादेश बॉर्डर पर हलचल
- ममता बनर्जी की रैली: एसआईआर विरोध को बना रहीं बड़ा मुद्दा
- अवैध शरणार्थी और वोट बैंक की राजनीति
- एसआईआर से बढ़ी घबराहट: वोट बैंक खिसकने का डर
- देश की सुरक्षा बनाम वोट बैंक की राजनीति
इस विरोध के पीछे छिपा है ममता का मजबूत मुस्लिम वोट बैंक, जिसे वह किसी भी कीमत पर खिसकने नहीं देना चाहतीं। यही वजह है कि वह एसआईआर को चुनावी मुद्दा बनाकर पेश कर रही हैं।
एसआईआर पर ममता का विरोध: वोट बैंक को बचाने की रणनीति?
ममता बनर्जी लंबे समय से अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या शरणार्थियों को संरक्षण देने के पक्ष में रही हैं।
उनका लगातार उद्देश्य यही रहा है कि राज्य में ध्रुवीकरण न हो, जैसा उत्तर भारत के कई राज्यों में बीजेपी द्वारा किया गया।
लेकिन एसआईआर लागू होने के बाद, स्थितियाँ बदल गई हैं—
क्योंकि:
• अवैध रूप से रह रहे लोगों में घबराहट फैल गई है
• बड़ी संख्या में लोग सीमा पार कर बांग्लादेश लौटने की कोशिश कर रहे हैं
• इससे वोट बैंक के कमजोर होने का खतरा बढ़ा है
यही वजह है कि ममता लगातार एसआईआर को राजनीतिक हथियार बनाकर इस्तेमाल कर रही हैं।
यह भी पढ़े : https://livebihar.com/bihar-news-rjd-mla-fir/
पश्चिम बंगाल चुनाव 2026: 294 सीटों की सबसे बड़ी जंग

मार्च–अप्रैल 2026 में 294 सीटों पर चुनाव होगा, जिसके लिए सभी पार्टियाँ रणनीति बनाने में जुट गई हैं।
चित्र साफ है—
• टीएमसी तीसरी बार सत्ता में वापसी चाहती है
• बीजेपी बड़े आक्रामक मूड में है
• वाम दल और कांग्रेस नए गठबंधन की तलाश में हैं
ऐसे में एसआईआर का मुद्दा एक मजबूत चुनावी हथियार बन चुका है।
एसआईआर लागू होते ही बांग्लादेश बॉर्डर पर हलचल
चार नवंबर से जब 12 राज्यों में एसआईआर की प्रक्रिया शुरू हुई, उसके बाद पश्चिम बंगाल–बांग्लादेश सीमा पर हलचल बढ़ गई।
• कई लोग अवैध रूप से बांग्लादेश की ओर जाते दिखे
• कुछ लोग बॉर्डर पार करने में कामयाब भी हुए
• बीएसएफ ने भी कई संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाया
चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं—
• पश्चिम बंगाल के 7 करोड़ 66 लाख से अधिक मतदाताओं में
• 99% लोगों को एनुमरेशन फॉर्म दे दिए गए हैं
अब इन फॉर्म को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू है।
ममता बनर्जी की रैली: एसआईआर विरोध को बना रहीं बड़ा मुद्दा
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार एसआईआर विरोधी अभियान चला रही हैं।
वह:
• बनगांव में रैली और विरोध मार्च का नेतृत्व करेंगी
• इससे पहले 4 नवंबर को कोलकाता में भी एक विशाल विरोध रैली कर चुकी हैं
टीएमसी का उद्देश्य साफ है—
मुस्लिम और शरणार्थी वर्ग को अपने साथ जोड़कर रखना।
अवैध शरणार्थी और वोट बैंक की राजनीति
जब-जब पश्चिम बंगाल में मुस्लिम वोट बैंक पर संकट दिखा है, ममता खुलकर आगे आई हैं।
- अवैध बांग्लादेशियों पर समर्थन
उन्होंने कहा था कि बांग्लादेश में हिंसा के कारण आने वाले लोगों को बंगाल में शरण दी जाएगी।
उनके इस बयान पर बांग्लादेश सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई और भारत सरकार को आधिकारिक खत भेजा।
- रोहिंग्या शरणार्थियों पर ममता की पैरवी
ममता ने साफ कहा था—
• हर रोहिंग्या आतंकी नहीं होता
• उन्हें वापस नहीं भेजना चाहिए
• संयुक्त राष्ट्र भी उनके संरक्षण की मांग करता है
केंद्र सरकार का दावा था कि रोहिंग्या लोगों के आईएस और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों से संबंध हैं।
Do Follow us. : https://www.facebook.com/share/1CWTaAHLaw/?mibextid=wwXIfr
एसआईआर से बढ़ी घबराहट: वोट बैंक खिसकने का डर
एसआईआर लागू होते ही:
• अवैध बांग्लादेशी
• रोहिंग्या शरणार्थी
• संदिग्ध निवासियों
में भारी घबराहट फैली है।
यह लोग पहचान उजागर होने के डर से सीमा की ओर भाग रहे हैं।
ममता को यह डर सता रहा है कि—
यदि यह भगदड़ जारी रही, तो मुस्लिम वोट बैंक बिखर सकता है।
इसीलिए वह एसआईआर को खुलकर चुनौती दे रही हैं।
देश की सुरक्षा बनाम वोट बैंक की राजनीति
एसआईआर के लागू होने के बाद बंगाल की राजनीति में:
• ध्रुवीकरण बढ़ा है
• चुनावी रणनीतियाँ बदल रही हैं
• वोट बैंक की राजनीति चरम पर है
यह पहली बार नहीं है जब वोट बैंक की खातिर राजनीतिक दल देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को दरकिनार कर रहे हैं।
देश हित के लिए प्रशासनिक प्रक्रिया जरूरी है, लेकिन राजनीतिक दल इसे चुनावी लाभ के लिए मोड़ रहे हैं।
Do Follow us. : https://www.youtube.com/results?search_query=livebihar

