बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजद को नया प्रदेश अध्यक्ष लगभग मिल गया है। राजद कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए मंगनी लाल मंडल ने नामाकंन किया है। इस दौरान राजद सुप्रीमो लालू यादव, बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी, पाटलिपुत्र सांसद मीसा भारती, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी और मंगनी लाल मंडल मौजूद थे।
मंगनी लाल मंडल ने लालू-तेजस्वी की मौजूदगी में बिहार प्रदेश अध्यक्ष के लिए नामांकन किया है। माना जा रहा है कि नामांकन के बाद मंगनी लाल मंडल को निर्विरोध चुने जाने की प्रबल संभावना है क्योंकि पार्टी परंपरा के अनुसार आमतौर पर आंतरिक चुनाव नहीं कराए जाते। इसलिए तय माना जा रहा है कि इसमें एक मात्र नाम के तौर पर मंगनी लाल मंडल रहेंगे और उन्हें अगले प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नई जिम्मेदारी दी जाएगी। बताया जा रहा है कि लालू यादव का आशीर्वाद और तेजस्वी का साथ मंगनी लाल मंडल को मिल चुका है।
RJD में प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर चुनाव की परंपरा नहीं रही है। नामांकन के बाद आम सहमति से नेता को अध्यक्ष पद सौंपा जाता है। ऐसे में मंगनी लाल मंडल का अध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा है। मंगनी लाल मंडल को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का फैसला RJD की सामाजिक समीकरण साधने और नए राजनीतिक समीकरण गढ़ने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। उनके जरिए पार्टी मधेशी और अति पिछड़ा वर्ग को साधने की कोशिश कर सकती है। अब 19 जून को राज्य परिषद की बैठक में यह स्पष्ट हो जाएगा कि लालू-तेजस्वी की पार्टी की बागडोर किसे सौंपी जाती है, लेकिन संकेत साफ हैं कि मंडल को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
पूर्व सांसद मंगनी लाल मंडल बिहार के वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं. वे लालू यादव के साथ सियासत करने के साथ ही कुछ समय तक जदयू में रहे थे. जनवरी 2024 में मंगनी लाल मंडल जदयू छोड़कर फिर से राजद में आ गए थे. तब तेजस्वी यादव ने उनका पार्टी में स्वागत किया था. मंगनी लाल मंडल अति पिछड़ों के बड़े नेता माने जाते हैं. राजद में आने पर मंडल ने कहा था कि लालू यादव हमारे नेता हैं। हमारे पुराने सहयोगी हैं। लालू ने अपने कार्यकाल में सामाजिक न्याय को शक्ति प्रदान की। मैं पांच साल जेडीयू में था। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया, लेकिन मुझसे काम नहीं लिया गया। जेडीयू में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है।
पूर्व सांसद मंगनी लाल मंडल लोकसभा में झंझारपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वे 1986 से 2004 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य थे। इस अवधि के दौरान, वे राज्य कैबिनेट में मंत्री भी थे। 2004 से 2009 तक, वे राज्य सभा के सदस्य भी थे।
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