पटना: महाकुंभ में पवित्र स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु बिहार से प्रयागराज जाने को बेताब हैं। ट्रेनों में बढ़ती भीड़ के साथ-साथ स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर भी काफी संख्या में लोग मौजूद हैं। आलम यह है कि पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म पर तो पैर रखने की जगह नहीं है। खासकर पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 4 और 5 पर हजारों श्रद्धालु ट्रेन के इंतजार में हैं। ट्रेन के स्टेशन पहुंचते ही लोग दौड़ने लग रहे हैं और जबरदस्ती गेट खोलने की कोशिश कर रहे हैं। गेट बंद होने पर लोग ट्रेन की खिड़की पर मुक्का मारकर शीशा तक तोड़ दे रहे हैं।
12 फरवरी को महाकुंभ में शाही स्नान है। ऐसे में पटना जंक्शन से प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में लोग भर-भर जा रहे हैं। भीड़ का आलम यह है कि एक-एक कोच में ठूस-ठूस कर लोग भरे हुए हैं। पटना जंक्शन पर पहुंचने वाली मगध एक्सप्रेस, विक्रमशीला एक्सप्रेस ब्रम्हपुत्र मेल सहित कई ट्रेनों में भारी भीड़ देखी जा रही है। लोग ट्रेनों के दरवाजे पर सफर करने को मजबूर हैं। दिल्ली जानेवाले यात्री ट्रेनों में भीड़ के चलते चढ़ नहीं पाए। सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को हो रही है। महिलाओं को ट्रेन में चढ़ने की दिक्कत के साथ-साथ कई परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पटना जंक्शन पर प्लेटफॉर्म से लेकर फुट ओवरब्रिज तक तिल रखने की जगह नहीं थी। कई यात्री घंटों इंतजार के बावजूद ट्रेन में चढ़ने में असफल रहे, जिससे वे निराश और परेशान दिखे।
इस भारी भीड़ और अव्यवस्था के बावजूद रेलवे सुरक्षा बल और प्रशासन की उदासीनता यात्रियों के लिए चिंता का विषय बनी रही। कई यात्रियों ने शिकायत की कि अगर सुरक्षा बल पहले से मौजूद होते, तो स्थिति इतनी खराब नहीं होती। एक युवक ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यदि कोई बड़ा हादसा हो जाता, तो इसका जिम्मेदार कौन होता? ब्रह्मपुत्र मेल जब रवाना हुई, तब भी कई यात्री ट्रेन के गेट पर लटके हुए थे। कुछ यात्रियों ने जैसे-तैसे ट्रेन में जगह बना ली, लेकिन कई लोग ट्रेन के बाहर ही खड़े रह गए। ट्रेन खुलने के बावजूद कई लोग अपने बैग और सामान के साथ दरवाजे पर लटके रहे। कई यात्री गिरने से बाल-बाल बचे, जिससे स्थिति और भयावह हो गई।