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पटना डेस्कः बिहार के सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा जोरों पर हो रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सबकुछ भूलते जा रहे हैं। कई ऐसे मौके भी आए जब मुख्यमंत्री खुद भूल गए कि वे राज्य के गृह मंत्री भी है वहीं पिछले दिनों खुद को ही फालतू मुख्यमंत्री कह दिया। नीतीश कुमार की इस हालत को लेकर पूर्व सांसद और लोजपा रामविलास के नेता अरुण कुमार ने बड़ी आशंका जताई है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बड़ी साजिश रची जा रही है। उन्होंने इशारों में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को इस साजिश का मास्टरमाइंड बताया है। 

अरुण कुमार ने नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति अब ठीक नहीं है। उनकी मेमोरी खत्म हो गई है। खुद गृह मंत्री हैं और जनता दरबार में गृह मंत्री को बुलाने लगते हैं। जिस राज्य के मुख्यमंत्री का मेमोरी लॉस हो जाए उस राज्य की जनता का क्या होगा? उन्होंने ललन सिंह की तरफ इशारा करते हुए कहा है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बड़ी साजिश रची जा रही है। उन्हें भोजन में या दवा में कुछ ऐसी चीज दी जा रही है जिससे उनकी मेमोरी खत्म होती जा रही है। कुछ अधिकारी या नीतीश के साथ प्लांट किए गए नेता उनके आसपास हैं जो इस साजिश में शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मेमोरीलॉस होते जा रहे हैं और राज्य कब डिरेल्ड हो जाएगा कुछ कहा नहीं जा सकता है। पहले तो हमलोग नीतीश कुमार का विरोध करते थे लेकिन अब वे खुद हेल्पलेस हो गए हैं और मानसिक रूप से कैद कर लिए गए हैं। जो लोग मुख्यमंत्री को ऑपरेट कर रहे हैं उन लोगों ने बेचारे नीतीश कुमार से बिहार में जातीय गणना कराया। 32 साल तक शासन में रहे लेकिन पहले चिंता नहीं हुई जातीय गणना कराने आज ऐसा क्या हो गया कि जातीय गणना कराई गई। 

अरुण कुमार ने कहा है कि ‘जो लोग चारा घोटाला में फाइल लेकर लालू की पैरवी करते थे आज उसी लालू यादव को वही मुंशी समझा दिए हैं कि फंसाए हैं तो बचा भी सकते हैं। उसी मुंशी ने लालू को समझाया है कि वह नीतीश कुमार को भी किनारे कर देगा और आपको अपना नेता बना लेंगे। हम जेडीयू को भी खा जाएंगे आप निश्चिंत रहिए। इस सबके पीछे जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष का हाथ है। हम उनका नाम लेना उचित नहीं समझते हैं’। क्या ललन सिंह ही नीतीश कुमार को खाने में टेबलेट मिलाकर खिलवा रहे हैं? इस सवाल पर अरुण कुमार ने कहा कि ‘हम बार-बार कह रहे हैं कि आज के राष्ट्रीय अध्यक्ष, नाम तो आप ले ही रहे हैं, हम उनका नाम क्यों लें’?

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