मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या के बाद चुनाव आयोग सख्त मोड में
Bihar Election 2025 के बीच मोकामा की राजनीति में बड़ा भूचाल आया है। RJD के वरिष्ठ नेता दुलारचंद यादव की हत्या के बाद पूरा जिला और प्रशासनिक तंत्र अलर्ट पर है। इस हत्या ने न केवल मोकामा बल्कि पूरे बिहार की चुनावी फिजा को हिला दिया है। हत्या के बाद चुनाव आयोग ने सख्त रुख अपनाते हुए 5 अहम निर्देश जारी किए हैं, जिनमें सभी लाइसेंसी हथियारों को जमा करने और अवैध हथियारों की जब्ती का आदेश सबसे प्रमुख है।
आयोग ने साफ कहा है कि बिहार में चुनाव के दौरान कानून-व्यवस्था का सख्ती से पालन कराया जाए और कोई भी व्यक्ति या संगठन माहौल बिगाड़ने की कोशिश न करे।
चुनाव आयोग ने दिए 5 बड़े आदेश, लॉ एंड ऑर्डर पर फोकस

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने शुक्रवार को राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में राज्य की लॉ एंड ऑर्डर की समीक्षा की गई और कई सख्त दिशानिर्देश दिए गए।
आयोग के निर्देशों के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं —
1️⃣ सभी लाइसेंसी हथियार तुरंत जमा किए जाएं।
2️⃣ अवैध हथियारों की जब्ती अभियान चलाया जाए।
3️⃣ संवेदनशील इलाकों और सीमावर्ती क्षेत्रों पर विशेष निगरानी रखी जाए।
4️⃣ स्ट्रांग रूम और EVM की सुरक्षा को लेकर विशेष व्यवस्था की जाए।
5️⃣ अफवाह फैलाने वालों और असामाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
इन आदेशों के बाद बिहार पुलिस और जिला प्रशासन को सख्ती से निगरानी बढ़ाने को कहा गया है ताकि चुनाव शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो सके।
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पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने खोला मोकामा हत्याकांड का राज
इस बीच दुलारचंद यादव हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है। शुक्रवार को आई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने हत्या की पूरी साजिश पर से पर्दा उठा दिया। रिपोर्ट के अनुसार, दुलारचंद यादव की मौत गोली से नहीं, बल्कि सीने पर गाड़ी चढ़ाने से हुई थी। इससे उनकी पसलियां टूट गईं और फेफड़े फट गए, जिससे उनकी मौत हुई।
बाढ़ अनुमंडल अस्पताल में मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में तीन डॉक्टरों की टीम ने करीब दो घंटे तक पोस्टमॉर्टम किया। मेडिकल रिपोर्ट ने यह भी बताया कि उनकी एड़ी में गोली लगी थी, जो आर-पार हो गई, जबकि सीने पर भारी दबाव पड़ने से उनकी सांसें थम गईं।
रिपोर्ट से यह संभावना जताई जा रही है कि पहले दुलारचंद यादव को पीटा गया और बाद में गाड़ी से कुचला गया। फिलहाल एफएसएल रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिससे हत्या की साजिश का और विस्तार से खुलासा हो सके।
पुलिस विभाग में सख्त कार्रवाई, दो थानाध्यक्ष निलंबित
हत्या के बाद बिहार पुलिस ने भी तेजी से कार्रवाई शुरू कर दी है। एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने प्रशासनिक लापरवाही के आरोप में दो थानाध्यक्षों को निलंबित कर दिया है।
इनमें भदौर थानाध्यक्ष रवि रंजन चौहान और घोसवरी थानाध्यक्ष मधुसूदन कुमार शामिल हैं। एसएसपी ने बताया कि दोनों अधिकारियों ने क्षेत्र में पर्याप्त सतर्कता नहीं बरती और कई गंभीर त्रुटियां पाई गईं। इसी वजह से दोनों पर कार्रवाई की गई है।
साथ ही, पुलिस ने बताया कि मामले से जुड़े अन्य पहलुओं की गहराई से जांच जारी है ताकि पूरे अपराध नेटवर्क को उजागर किया जा सके।
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लगातार छापेमारी और गिरफ्तारियां, मोकामा में बढ़ी हलचल
हत्या के बाद पुलिस ने मोकामा, हथिदह, पंडारक और बाढ़ थाना इलाकों में देर रात छापेमारी की। इन छापों में दर्जनों संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
जानकारी के मुताबिक, अनंत सिंह समर्थक 9 लोग और प्रियदर्शी पियूष खेमे के 12 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। इसके साथ ही अब तक इस केस में चार प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं।
सबसे हालिया FIR राजद प्रत्याशी वीणा देवी के समर्थक द्वारा दर्ज कराई गई है, जिसमें तीन नामजद और पांच अज्ञात लोगों पर आरोप लगाया गया है।
चुनाव आयोग ने दिया सख्त संदेश — कानून से ऊपर कोई नहीं
Bihar Election 2025 के दौरान यह घटना चुनावी माहौल के लिए बड़ा झटका साबित हुई है। आयोग ने अपने ताजा आदेश में साफ कहा है कि कानून-व्यवस्था से कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा।
राज्य के संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए जा रहे हैं और हर चुनावी क्षेत्र में पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है। चुनाव आयोग की यह सख्ती इस बात का संकेत है कि इस बार किसी भी प्रकार की हिंसा या धमकाने की राजनीति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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