मोकामा हत्याकांड : दुलारचंद यादव की हत्या पर बड़ा खुलासा, तेजस्वी ने कही ये बात…अनंत सिंह हैं जिम्मेदार?

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पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मोकामा हत्या कांड में सियासी घमासान तेज, तेजस्वी यादव का सरकार पर हमला।
Highlights
  • • बिहार के मोकामा में जनसुराज समर्थक दुलारचंद यादव की मौत से राजनीतिक हलचल तेज। • पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली नहीं, बल्कि सीने पर गाड़ी चढ़ाने से मौत की पुष्टि। • आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा – “चुनाव आयोग मर गया है क्या?” • जेडीयू उम्मीदवार अनंत सिंह समेत 5 लोगों पर हत्या और साजिश की FIR दर्ज। • बिहार चुनाव के बीच हत्या मामले पर सियासी बयानबाजी और बढ़ी। • तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया – “सत्ता में बैठे लोग अपराधियों को दे रहे हैं संरक्षण।” • बिहार की जनता देख रही है, NDA को सत्ता से हटाएगी – तेजस्वी।

मोकामा में दुलारचंद यादव की मौत से मचा सियासी बवाल

बिहार के मोकामा में हुई दुलारचंद यादव की मौत ने पूरे राज्य की राजनीति को हिला दिया है। यह मामला अब सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि सियासी जंग का केंद्र बन गया है। गुरुवार को हुई इस घटना ने न केवल स्थानीय राजनीति में हलचल मचाई, बल्कि तेजस्वी यादव तक ने खुलकर बयान देकर इस मुद्दे को राज्य स्तर पर बड़ा बना दिया है।

मोकामा की यह घटना जनसुराज पार्टी के समर्थक दुलारचंद यादव की मौत से जुड़ी है। घटना के वक्त दुलारचंद यादव जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के प्रचार के दौरान तारताड़ गांव के पास पहुंचे थे, तभी वहां हिंसा भड़क गई।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने बदली जांच की दिशा

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पहले माना जा रहा था कि दुलारचंद यादव की मौत गोली लगने से हुई, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने चौंकाने वाला खुलासा किया है।
रिपोर्ट के अनुसार —
• दुलारचंद यादव की मौत गोली से नहीं हुई,
• बल्कि सीने पर गाड़ी चढ़ाने से हुई,
• जिससे उनकी पसलियां टूट गईं और फेफड़े फट गए,
• डॉक्टरों ने मृत्यु का कारण लिखा: “कार्डियो-पल्मोनरी फेल्योर विद ब्लंट इंजरी टू चेस्ट एंड हेड।”

इस रिपोर्ट के मुताबिक, छाती और सिर पर गहरी चोटों के कारण उनके हृदय और सांस प्रणाली ने काम करना बंद कर दिया।
यानी अब यह मामला गोलीबारी नहीं, बल्कि जानलेवा टक्कर और गंभीर चोटों का बन गया है।

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तेजस्वी यादव का गुस्सा – “क्या चुनाव आयोग मर गया है?”

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इस हत्या पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा,

“दिनदहाड़े हत्या होती है, नामजद FIR दर्ज होती है लेकिन फिर भी आरोपी थाने के सामने से गुजरता है और प्रचार करता है। वह 40 लोगों के काफिले के साथ बंदूक, गोली-बारूद लेकर घूम रहा है। हत्या हुई है लेकिन एक भी व्यक्ति पर कार्रवाई नहीं हुई।”

तेजस्वी यादव यहीं नहीं रुके — उन्होंने चुनाव आयोग पर भी सीधा सवाल दागा।

“चुनाव आयोग कहां है? क्या चुनाव आयोग मर गया है? क्या कानून सिर्फ विपक्ष के लिए है? सत्ता में बैठे लोग क्या अछूत हैं? कोई कानून नहीं बचा, अपराधी बेलगाम हैं और सरकार उन्हें संरक्षण दे रही है।”

तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव के बीच 10-10 हजार रुपये बांटे जा रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा।
उनका दावा है कि बिहार की जनता सब देख रही है और इस बार चुनाव में BJP-NDA को सत्ता से उखाड़ फेंकेगी।

FIR में 5 लोगों के नाम, JDU प्रत्याशी अनंत सिंह पर गंभीर आरोप

दुलारचंद यादव की मौत के बाद मोकामा थाना में नामजद FIR दर्ज की गई है।
यह एफआईआर दुलारचंद के पोते की शिकायत पर दर्ज की गई है, जिसमें जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह, उनके भतीजे रणवीर सिंह और कर्मवीर सिंह समेत कुल 5 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

एफआईआर में शामिल धाराएं:
• हत्या (IPC 302)
• हत्या का प्रयास (IPC 307)
• अन्य गंभीर धाराएं

दुलारचंद यादव, अनंत सिंह के पुराने राजनीतिक विरोधी माने जाते थे। यही कारण है कि अब इस मामले का राजनीतिक कोण और भी मजबूत हो गया है।

जनसुराज पार्टी में शोक, पर सियासत तेज

जनसुराज पार्टी ने अपने समर्थक की मौत को “राजनीतिक हत्या” बताया है।
पार्टी नेताओं ने कहा कि दुलारचंद यादव पर जानबूझकर हमला किया गया ताकि जनसुराज के प्रचार अभियान को कमजोर किया जा सके।
पार्टी ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की है।

वहीं, विपक्ष का आरोप है कि सत्ता पक्ष इस मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है।
तेजस्वी यादव ने इसे लोकतंत्र की हत्या तक करार दिया।

सवाल उठे – कानून व्यवस्था पर फिर निशाना

यह मामला बिहार की कानून व्यवस्था पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर गया है।
दिनदहाड़े हत्या, खुलेआम हथियारों का इस्तेमाल और उसके बाद भी कार्रवाई न होना — इन सबने सरकार की नीतियों पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं।

तेजस्वी यादव के मुताबिक, सत्ता में बैठे लोगों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है, जिसके कारण अपराधी खुले घूम रहे हैं।
ऐसे में जनता के बीच गुस्सा और असंतोष दोनों बढ़ रहा है।

बिहार में बढ़ती हिंसा – चुनावी प्रक्रिया पर असर?

चुनाव के दौरान लगातार हो रही घटनाएं चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर भी असर डाल सकती हैं।
तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग से कड़ी कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि अगर आयोग चुप रहा तो बिहार की जनता इस मौन को जवाब देगी।

वहीं सत्तारूढ़ पक्ष की ओर से इस मामले पर अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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मोकामा की घटना से गरमाई बिहार की राजनीति

मोकामा में दुलारचंद यादव की मौत केवल एक हत्या नहीं, बल्कि बिहार चुनाव 2025 की राजनीति का निर्णायक मोड़ बन गई है।
जहां एक ओर पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने जांच की दिशा बदल दी, वहीं तेजस्वी यादव के तीखे सवालों ने सियासी माहौल को और गरमा दिया है।
अब देखना यह है कि क्या इस केस में निष्पक्ष जांच होती है या यह भी बिहार की राजनीति का एक और अधूरा अध्याय बनकर रह जाएगा।

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