पटना, 1 अक्टूबर।
शारदीय नवरात्रि की भव्यता पूरे बिहार में अपने चरम पर है और महानवमी के पावन अवसर पर माँ दुर्गा की आराधना का विशेष महत्व होता है। इसी क्रम में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के संस्थापक और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने आज पटना के विभिन्न पूजा पंडालों में जाकर माँ दुर्गा की आराधना की। उन्होंने न केवल पूजा-अर्चना की बल्कि राज्य की सुख, शांति और समृद्धि की प्रार्थना भी की।
महानवमी के दिन मुकेश सहनी का कार्यक्रम पूरे दिन धार्मिक रंग में रंगा रहा। वे पटना के प्रमुख पूजा पंडालों—डाक बंगला, लोदीपुर, मलाही पकरी और मछुआ टोली—में पहुंचे। यहाँ उन्होंने माँ दुर्गा की भव्य प्रतिमाओं के समक्ष आराधना की, माता की आरती उतारी और श्रद्धालुओं के साथ उत्सव में सम्मिलित हुए। हर पंडाल में उनके आगमन से वहाँ मौजूद लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला।
यह पहला अवसर नहीं है जब मुकेश सहनी ने इस तरह जनसंपर्क और धार्मिक आस्था को साथ जोड़ा हो। महाष्टमी की शाम भी उन्होंने विभिन्न पूजा पंडालों में जाकर माँ दुर्गा की पूजा की थी और श्रद्धालुओं के साथ संवाद किया था। उनका यह प्रयास बताता है कि वे केवल राजनीति तक सीमित नहीं रहते बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में भी सक्रिय भागीदारी निभाते हैं।
पूर्व मंत्री सहनी ने इस अवसर पर बिहारवासियों को दुर्गा पूजा और दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि नवरात्रि का यह पर्व हमें बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश देता है और समाज में एकता, भाईचारा और समृद्धि की भावना को मजबूत करता है। उन्होंने माँ दुर्गा से विशेष प्रार्थना की कि बिहार में सुख-शांति बनी रहे और राज्य प्रगति की नई ऊँचाइयों को छुए।
पूजा पंडालों में सहनी के पहुँचने पर स्थानीय श्रद्धालु और उनके समर्थक बड़ी संख्या में एकत्र हुए। लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और माता की आराधना में उनके साथ शामिल हुए। सहनी ने भी भक्तों के बीच जाकर उनसे बातचीत की और त्यौहार को आपसी भाईचारे और सद्भावना के साथ मनाने का संदेश दिया।

इस धार्मिक यात्रा के दौरान वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति, पार्टी के कई पदाधिकारी, कार्यकर्ता और स्थानीय गणमान्य व्यक्ति उनके साथ मौजूद रहे। पंडालों के आयोजकों ने भी सहनी का स्वागत किया और उनके द्वारा की गई प्रार्थना को बिहार की भलाई से जोड़कर देखा।
बिहार की राजनीति में मुकेश सहनी को “सन ऑफ मल्लाह” के नाम से जाना जाता है। उन्होंने हमेशा समाज के वंचित और पिछड़े वर्गों की आवाज बुलंद की है। लेकिन उनका यह धार्मिक पक्ष लोगों को यह भी दिखाता है कि वे सांस्कृतिक परंपराओं और लोक आस्था के साथ गहराई से जुड़े हुए हैं। नवरात्रि जैसे बड़े त्योहार पर उनकी सक्रियता न केवल राजनीतिक रूप से उनके जनसंपर्क को मजबूत करती है बल्कि आम जनता के बीच उनकी छवि को भी और सुदृढ़ बनाती है।
महानवमी का यह पर्व सहनी के लिए केवल धार्मिक अवसर नहीं बल्कि जनता के बीच सीधे पहुँचने और उनके साथ भावनात्मक जुड़ाव बनाने का भी अवसर था। पंडालों में उनका स्नेहिल और सहज व्यवहार इस बात का संकेत देता है कि वे अपने समर्थकों और जनता के बीच कितने लोकप्रिय हैं।
अंततः, मुकेश सहनी का यह धार्मिक दौरा नवरात्रि की भव्यता को और बढ़ाने वाला रहा। उनकी प्रार्थना और शुभकामनाएँ बिहार की जनता के लिए सकारात्मक ऊर्जा का संदेश लेकर आईं। यह स्पष्ट है कि राजनीति और आस्था का यह संगम जनता तक गहरे प्रभाव के साथ पहुँच रहा है।