मामला क्या है: मॉल उद्घाटन में भीड़ से मचा हंगामा
मुजफ्फरपुर मामला 2025 में भोजपुरी सिनेमा के दो बड़े सितारे — दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ और आम्रपाली दुबे — कानूनी पचड़े में फंस गए हैं।
दरअसल, 4 अक्टूबर को मुजफ्फरपुर के काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र में स्थित एक मॉल के उद्घाटन समारोह में इन दोनों सितारों की मौजूदगी से भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
हजारों की संख्या में लोगों ने कार्यक्रम स्थल को घेर लिया, जिससे कलमबाग चौक और आसपास की सड़कें पूरी तरह जाम हो गईं। इस दौरान कई एंबुलेंसें ट्रैफिक में फंस गईं, और मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी।
स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि स्थानीय अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने निरहुआ, आम्रपाली, मॉल के मालिकों और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी समेत पांच लोगों के खिलाफ आपराधिक परिवाद दायर किया है।
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किसने दर्ज कराया मामला और किन धाराओं में?
अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने यह परिवाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) कोर्ट, मुजफ्फरपुर में दर्ज कराया है।
मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं — धारा 223, 89/7, 6, 191/1, 190, 61/1280 और 272 — के तहत दायर किया गया है।
शिकायत में कहा गया है कि मॉल उद्घाटन कार्यक्रम का समुचित प्रबंधन नहीं किया गया, जिससे सार्वजनिक जीवन बाधित हुआ और आम नागरिकों की सुरक्षा खतरे में पड़ी।
अधिवक्ता का आरोप है कि “अगर स्थिति पर नियंत्रण नहीं होता, तो यह तमिलनाडु जैसी भगदड़ की घटना बन सकती थी।”
कोर्ट ने इस परिवाद को स्वीकार करते हुए सुनवाई की तारीख 18 अक्टूबर 2025 तय की है। अब सबकी निगाहें अदालत के फैसले पर टिकी हैं।

भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार्स कानूनी पचड़े में क्यों फंसे?
दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार और भाजपा सांसद हैं, जबकि आम्रपाली दुबे उनकी ऑन-स्क्रीन जोड़ीदार के रूप में लोकप्रिय हैं।
इन दोनों की लोकप्रियता इतनी अधिक है कि हर कार्यक्रम में भारी भीड़ उमड़ पड़ती है।
4 अक्टूबर के कार्यक्रम में जब दोनों पहुंचे, तो आयोजन स्थल पर अचानक अराजक स्थिति पैदा हो गई।
• भीड़ ने सुरक्षा घेरा तोड़ दिया।
• सड़कें जाम हो गईं।
• एंबुलेंसें और आम वाहन फंस गए।
• लोगों में अफरा-तफरी मच गई।
स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति संभाली, लेकिन तब तक एक घंटे तक पूरा शहर ठप रहा।
इस घटना के बाद, अधिवक्ता सुधीर ओझा ने इसे ‘लापरवाही और सार्वजनिक असुविधा का गंभीर मामला’ बताया।
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कोर्ट की अगली सुनवाई और संभावित कार्रवाई
मुजफ्फरपुर सिविल कोर्ट ने मामले को स्वीकार कर लिया है।
अब 18 अक्टूबर 2025 को सुनवाई होगी, जिसमें तय होगा कि आरोपियों के खिलाफ अदालती समन या जांच आदेश जारी होगा या नहीं।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आरोप साबित होते हैं, तो यह मामला सार्वजनिक सुरक्षा में लापरवाही और भीड़ नियंत्रण में विफलता से जुड़ा गंभीर अपराध माना जा सकता है।
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निष्कर्ष: सितारों की लोकप्रियता बनी परेशानी का सबब
जहां एक ओर भोजपुरी सिनेमा के सितारे निरहुआ और आम्रपाली दुबे अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीतते हैं, वहीं उनकी लोकप्रियता कभी-कभी सार्वजनिक अव्यवस्था का कारण भी बन जाती है।
मुजफ्फरपुर मामला 2025 ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि लोकप्रियता के साथ जिम्मेदारी भी उतनी ही बड़ी होती है।
अब देखना यह है कि कोर्ट 18 अक्टूबर को इस मामले पर क्या रुख अपनाता है।
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