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सीतामढ़ी: सीतामढ़ी जिले के रुन्नीसैदपुर के एक विवाह भवन में शादी के लिए दूल्हा बारात लेकर पहुंच गया था। शादी की रस्म भी शुरू हो गई थी। हालांकि, फेरे होने से पहले ही पुलिस ने पहुंचकर लड़की को नाबालिग बताते हुए शादी रुकवा दी। इसके बाद बारात को बिना दुल्हन के ही वापस लौटना पड़ा।

मामला सीतामढ़ी जिले के रुन्नी सैदपुर के एक विवाह भवन का है। जहां दूल्हा-दुल्हन की शादी की पूरी तैयारी हो चुकी थी। इस दौरान पुलिस के पहुंचते ही विवाह भवन में अफरा तफरी का माहौल कायम हो गया। दरअसल, उक्त विवाह भवन में 15 वर्षीय नाबालिग लड़की की शादी कराई जा रही थी। इसकी सूचना बचपन बचाव आंदोलन सूत्रों से पुलिस को मिली। जिसके बाद पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंची। पुलिस ने दुल्हन के परिवार वालों को डांट फटकार लगायी और शादी को रुकवा दिया।

बताया गया कि दूल्हा भी सज-धज कर विवाह भवन पहुंच चुका था, लेकिन ऐन वक्त पर बाल-विवाह की भनक प्रशासन को लग गई। इसके तुरंत बाद बचपन बचाओ आंदोलन, चाइल्ड हेल्पलाइन पुलिस बल के साथ टीम प्रखंड विकास पदाधिकारी सह सहायक बाल विवाह निषेध पदाधिकारी सुनील कुमार के नेतृत्व में मौके पर पहुंचकर कारवाई करते हुए नाबालिग लड़की की शादी को रुकवाया गया।

बीडीओ सुनील कुमार ने नाबालिग लड़की के अभिभावक से बात की। लड़की की उम्र 15 वर्ष पता चलने पर बीडीओ ने नाबालिग लड़की के परिवार को कड़ी फटकार लगाई। बीडीओ ने बॉन्ड पत्र भरवाने के बाद लड़के एवं लड़की पक्ष के लोगों को बाल विवाह निषेध कानून का उलंघन किए जाने पर कानूनी कार्रवाई करने की कड़ी चेतावनी दी। साथ ही विवाह भवन संचालक को भी फटकार लगाई।

टीम में शामिल प्रशिक्षु पुलिस अवर निरीक्षक अमृत पाल एवं बचपन बचाओ आंदोलन के सीनियर सहायक परियोजना अधिकारी मुकुंद कुमार चौधरी ने बाल विवाह निषेध कानून की जानकारी एवं उलंघन पर सजा के प्रावधानों से परिवार को अवगत करवाया। लड़की वाले व लड़के वाले के परिवार के सदस्यों ने प्रशासनिक टीम से मांफी मांगते हुए वादा किया कि भविष्य में इस प्रकार की गलती दुबारा नहीं करेंगे।

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