Bihar Election 2025: ‘नचनिया’ बयान से सियासत में बवाल, मनोज तिवारी ने सम्राट चौधरी का किया बचाव, बोले- “गलतफहमी और साजिश है ये”

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बिहार चुनाव 2025 में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के ‘नचनिया’ बयान पर मचा बवाल — भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा, “यह सिर्फ गलतफहमी और साजिश है।”
Highlights
  • • बिहार चुनाव के बीच सम्राट चौधरी के बयान से सियासत में उबाल • भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने किया सम्राट चौधरी का पावरफुल बचाव • खेसारी लाल यादव ने संयम और शालीनता से दी प्रतिक्रिया • विपक्ष ने भाजपा पर लगाया कलाकारों के अपमान का आरोप • भाजपा ने कहा— ये विवाद गलतफहमी और साजिश का नतीजा • राजनीति में मर्यादा और संवाद की बहस एक बार फिर शुरू

सम्राट चौधरी के बयान से गरमाई राजनीति, खेसारी लाल यादव पर की टिप्पणी से मचा बवाल

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच एक नया सियासी विवाद उभर आया है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी द्वारा भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव को ‘नचनिया’ कहे जाने वाले बयान ने चुनावी माहौल को और अधिक तल्ख और भावनात्मक बना दिया है।
यह बयान सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल होने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। विपक्षी दलों ने इस टिप्पणी को कलाकारों के अपमान से जोड़ते हुए भाजपा पर संवेदनहीन राजनीति करने का आरोप लगाया।

वहीं, भाजपा की ओर से इस विवाद पर अब सांसद और भोजपुरी सिनेमा के दिग्गज कलाकार मनोज तिवारी ने मोर्चा संभाल लिया है। उन्होंने सम्राट चौधरी के बचाव में उतरते हुए बयान को “गलतफहमी और साजिश” बताया और कहा कि भाजपा हमेशा से कला और मेहनत का सम्मान करने वाली पार्टी रही है।

मनोज तिवारी का बचाव— “सम्राट भाई कलाकारों का करते हैं सम्मान”

Bihar Election 2025: ‘नचनिया’ बयान से सियासत में बवाल, मनोज तिवारी ने सम्राट चौधरी का किया बचाव, बोले- “गलतफहमी और साजिश है ये” 1

दिल्ली से भाजपा सांसद और भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के सबसे लोकप्रिय चेहरों में से एक मनोज तिवारी ने कहा कि,

“मैंने सम्राट भाई से बात की है। वो कलाकारों का बहुत सम्मान करते हैं। इस पूरे विवाद को कुछ लोगों ने जानबूझकर तोड़-मरोड़कर पेश किया है ताकि चुनावी माहौल में भ्रम फैलाया जा सके।”

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा और एनडीए की पहचान हमेशा से मेहनत, कला और संस्कारों के सम्मान से रही है। बिहार में हर कलाकार को उसकी मेहनत और योगदान के आधार पर सम्मान मिलना चाहिए, न कि किसी राजनीतिक पहचान के आधार पर।

मनोज तिवारी ने अपने बयान में शालीनता और मर्यादा की बात करते हुए कहा कि राजनीति में भले मतभेद हों, लेकिन समाज में संस्कारों की मर्यादा बनाए रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय ऐसी बातें फैलाना जिनसे कलाकारों या जनता की भावनाएं आहत हों, लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।

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खेसारी लाल यादव की संयमित प्रतिक्रिया— “मेहनत करने वाला हर शब्द का मूल्य जानता है”

दूसरी ओर, भोजपुरी सिनेमा के स्टार खेसारी लाल यादव ने इस पूरे विवाद पर बेहद संयम और सादगीपूर्ण प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,

“जिसने मेहनत की है, उसके लिए हर शब्द की अहमियत होती है। अगर कोई मुझे ‘नचनिया’ कहता है, तो मुझे फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि मेरी पहचान मेरे काम और जनता के प्यार से बनी है।”

उन्होंने कहा कि राजनीति में सीमाएं और मर्यादा बनी रहनी चाहिए। नेता समाज के आदर्श माने जाते हैं, इसलिए उन्हें अपने शब्दों को सोच-समझकर बोलना चाहिए।
खेसारी ने यह भी जोड़ा कि उन्हें किसी शब्द से फर्क नहीं पड़ता, लेकिन समाज के सम्मान की बात आए तो हर किसी को जिम्मेदारी के साथ बोलना चाहिए।

खेसारी का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जहां प्रशंसकों ने उनकी संवेदनशीलता और संयमित रवैये की सराहना की।

विपक्ष का पलटवार और भाजपा की रणनीतिक शांति

विपक्षी दलों ने सम्राट चौधरी के बयान को लेकर भाजपा पर संवेदनहीन राजनीति का आरोप लगाया है। राजद और कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह बयान भाजपा की घमंड भरी सोच को उजागर करता है।
हालांकि, भाजपा ने इस मामले में कोई आक्रामक रुख नहीं अपनाया और पूरे विवाद को “भ्रम और साजिश” बताकर राजनीतिक शांति बनाए रखने की कोशिश की है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार चुनाव के इस मोड़ पर जब कलाकारों और युवाओं का वोट महत्वपूर्ण माना जा रहा है, तब इस तरह का विवाद चुनावी रणनीति को प्रभावित कर सकता है। लेकिन मनोज तिवारी का संतुलित और भावनात्मक बयान इस विवाद को ठंडा करने में अहम भूमिका निभा सकता है।

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सम्राट चौधरी पर सियासी नजरें, BJP का डैमेज कंट्रोल

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी इन दिनों लगातार सुर्खियों में हैं। उनके बयानों को लेकर बार-बार विपक्ष उन्हें निशाने पर ले रहा है।
इस विवाद के बाद भाजपा ने पार्टी के अंदर से ही मनोज तिवारी जैसे संवेदनशील चेहरे को आगे कर डैमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी सौंपी है।
तिवारी के इस बयान ने माहौल को काफी हद तक शांत किया है और यह संदेश दिया है कि भाजपा में कला और कलाकारों का सम्मान सर्वोपरि है।

बिहार की सियासत में भाषा और मर्यादा पर फिर बहस

‘नचनिया’ विवाद ने बिहार की राजनीति में एक बार फिर भाषा की मर्यादा और सभ्यता पर बहस छेड़ दी है। जहां एक ओर विपक्ष इसे भाजपा की ‘विचारहीन राजनीति’ बता रहा है, वहीं भाजपा इस विवाद को “गलतफहमी की साजिश” करार दे रही है।

हालांकि, मनोज तिवारी और खेसारी लाल यादव दोनों के शालीन बयानों ने यह साबित किया है कि बिहार की जनता और कलाकार अब राजनीति में सम्मान, संवाद और संवेदना की भाषा सुनना चाहती है।

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