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बिहार के नालंदा जिले के छोटे से गांव की रहने वाली अर्पणा ने केदारकंठ की सबसे ऊंची चोटी पर भारत का तिरंगा लहरा कर न केवल अपने परिवार का बल्कि नालंदा और बिहार का भी मान सम्मान बढ़ाया है. जिले के दीपनगर थाना इलाके मेघी गांव की रहने वाली अपर्णा के पिता के गुजरने के बाद उसकी मां गीता कुमारी ने उसकी पढ़ाई-लिखाई समेत अन्य जरूरतों को पूरा कर उसे इस काबिल बनाया कि आज उसने देश भर में बिहार का नाम रौशन किया है.

बता दें कि अपर्णा ने पिछले 30 दिसंबर को केदारकंठ की 12,500 फिट ऊंची बर्फीली चोटी पर भारत का तिरंगा लहराया है. परिवार वालों का कहना है कि वह स्पोर्ट्स में अपना कैरियर बनाकर अंतराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रौशन करना चाहती है. उसकी तमन्ना है कि वह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउन्ट एवरेस्ट पर भारत का तिरंगा फहराकर भारत का नाम रौशन करे. लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं रहने की वजह से उसे ऐसा करने में कठिनाई हो रही है.

ऐसे में परिवार वालों सरकार से अपर्णा के लिए सहायता की मांग की है. बता दें कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गोविंद वन्यजीव अभयारण्य में स्थित केदारकंठ ट्रेक की ऊंचाई 300 मीटर अर्थात 12,500 फीट है और यह पूरा ट्रैक लगभग 20 किमी का है, जिसे इस कपकपाती ठण्ड में अपर्णा ने तय किया है. मालूम हो कि इसके पूर्व नालंदा जिले के कतरीसराय थाना क्षेत्र की एक बेटी मिताली प्रसाद ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर इतिहास रचा था.

बता दें कि अर्पणा ने कराटे में राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल हासिल की है. खो-खो में मगध यूनिवर्सिटी की चैंपियन रही. फिर एथलीट में भी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त की. मात्र 20 साल की उम्र में 50 से भी अधिक मेडल प्राप्त कर चुकी अर्पणा के ऊपर परिवार वालों को गर्व है.

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