पटना डेस्कः नवरात्र के नौवें दिन माता सिद्धिदात्रि की पूजा हो रही है। बता दें कि इस बार अष्टमी और नवमी का संयोग बना है। ऐसे में नवरात्र के आखिरी दिन मां दुर्गा की कृपा प्राप्ति के लिए बहुत ही खास माना गया है। इस दिन देवी मां को प्रसन्न करने के लिए मां सिद्धिदात्रि की पूजा में उनकी आरती और मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए।
माना जाता है कि माता के नौंवी शक्ति का नाम सिद्धिदात्री है। अपने इस विग्रह स्वरूप से मैं अपने भक्तों को ब्रह्माण्ड की सभी सिद्धियाँ प्रदान करती हूं। भगवान शिव ने भी मेरे इसी रूप की कृपा से सिद्धियों को प्राप्त किया था, जिसके फलस्वरूप भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ और वह लोक में अर्द्धनारीश्वर के रूप में स्थापित हुए। नवरात्र पूजन के नौंवें दिन भक्त और योगी साधक मेरे इसी रूप की शास्त्रीय विधि-विधान से पूजा करते हैं। मैं चतुर्भुज और सिंहवाहिनी हूं।
गति के समय, मैं सिंह पर तथा अचला रूप में कमल पुष्प के आसन पर बैठती हूं। मेरे दाहिनी ओर के नीचे वाले हाथ में चक्र, ऊपर वाले दाहिने हाथ में गदा रहती है, बायीं ओर के नीचे वाले हाथ में शंख तथा ऊपर वाले हाथ में कमल पुष्प विद्यमान है। नवरात्रि के सिर्फ नौवें दिन भी यदि कोई भक्त एकाग्रता और निष्ठा से मेरी विधिवत् पूजा करता है तो उसे सभी सिद्धियाँ प्राप्त हो जाती हैं। सृष्टि में भक्त के लिए कुछ भी असंभव नहीं रहता और शत्रुओं पर पूर्ण विजय प्राप्त करने की सामर्थ्य उसमें आ जाती है। मेरी कृपा प्राप्त करने वाले की सभी लौकिक तथा परालौकिक कामनाओं की पूर्ति हो जाती है।
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