मुजफ्फरपुर के गायघाट में NDA कार्यकर्ता सम्मेलन बना अखाड़ा: JDU और LJPR नेताओं के बीच हुई भीषण मारपीट

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Highlights
  • • मुजफ्फरपुर के गायघाट में NDA कार्यकर्ता सम्मेलन में भीषण हंगामा। • JDU और LJP कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट, धक्का-मुक्की और कुर्सी फेंकने की घटनाएं। • मंच पर मौजूद नेता कोमल सिंह, सांसद वीणा देवी समेत कई नेता इस हंगामे में फंस गए। • सोशल मीडिया पर पहले से वायरल वीडियो में हंगामा करने की रणनीति की चर्चा थी। • वीडियो में JDU प्रखंड अध्यक्ष लाल बाबू साहनी समर्थकों से केवल युवाओं को बुलाने और हंगामा करने की बात कहते दिखे। • सम्मेलन का माहौल पूरी तरह बिगड़ा, समर्थकों को जान बचाकर भागना पड़ा। • घटना ने बिहार की राजनीति में आंतरिक तनाव और चुनावी रणनीति पर गंभीर सवाल खड़े किए। • हंगामा पूर्व नियोजित था या आकस्मिक, इस पर अब जांच और बहस तेज।

मुजफ्फरपुर: बिहार की राजनीति में इस बार नया विवाद सामने आया है। मंगलवार, 25 सितंबर को गायघाट विधानसभा क्षेत्र में आयोजित NDA कार्यकर्ता सम्मेलन अचानक हंगामा और मारपीट का अखाड़ा बन गया।

आज का हंगामा और घटनाक्रम

आज का सम्मेलन पूरी तरह से विनाशकारी रूप ले गया, जब मंच पर मौजूद नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई और धक्का-मुक्की शुरू हो गई। कुर्सियों की बौछार भी देखने को मिली, और वहां मौजूद समर्थकों को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा।

मंच पर मौजूद नेता जैसे कोमल सिंह, वैशाली सांसद वीणा देवी और कई बड़े नेता इस हंगामे के दौरान खुद को संभालते दिखे। वहीं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच तनातनी इतनी बढ़ गई कि सम्मेलन पूरी तरह विफल सा लग रहा था।

स्थानीय सूत्रों का कहना है कि यह हंगामा पूर्व नियोजित साजिश के तहत किया गया, जैसा कि पहले वायरल वीडियो में देखा गया था। वीडियो में लाल बाबू साहनी स्पष्ट रूप से कहते हैं कि बुजुर्ग और बच्चे सम्मेलन में न आएं, केवल युवा कार्यकर्ताओं को बुलाएं।

वायरल वीडियो ने बढ़ाई राजनीतिक उत्तेजना

वीडियो में स्पष्ट था कि सम्मेलन में माहौल खराब करने की योजना बनाई जा रही थी। वीडियो के वायरल होने के बाद कई गंभीर सवाल उठ गए:
• क्या NDA कार्यकर्ता सचमुच अपने ही कार्यक्रमों को नुकसान पहुंचाने की योजना बनाते हैं?
• सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने चुनावी माहौल को और भी उत्तेजित कर दिया।

आज की घटना और पुराने वीडियो के बीच यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि यह हंगामा केवल आकस्मिक नहीं, बल्कि सोची-समझी रणनीति का हिस्सा हो सकता है।

राजनीतिक असर और सवाल

मुजफ्फरपुर के इस विवाद ने राजनीतिक गलियारों में कई सवाल खड़े कर दिए हैं:
• क्या NDA कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच संगठनात्मक अनुशासन की कमी है?
• क्या यह हंगामा चुनावी माहौल में राजनीतिक संदेश देने के लिए किया गया था?
• क्या इस घटना का प्रभाव आगामी विधानसभा चुनावों पर पड़ेगा?

विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर तनाव दर्शाती हैं, बल्कि विपक्ष के लिए भी चुनावी अवसर पैदा कर सकती हैं।

मुजफ्फरपुर के गायघाट में NDA कार्यकर्ता सम्मेलन में आज का हंगामा और पहले वायरल वीडियो ने साबित कर दिया कि बिहार की राजनीति में कभी-कभी आंतरिक संघर्ष और रणनीतिक खेल भी प्रमुख भूमिका निभाते हैं।

आगे आने वाला समय ही बताएगा कि क्या यह घटना केवल राजनीतिक नाटकीयता थी या फिर बिहार चुनावी समीकरणों पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ेगा।

👉 Disclaimer: यह खबर वायरल वीडियो, स्थानीय सूत्र और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। वास्तविक कारणों और जिम्मेदारियों की पुष्टि आधिकारिक जांच के बाद ही संभव है।

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