मुजफ्फरपुर, संवाददाता
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नीरा संवर्धन योजना की शुरुआत की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्रदान करना है। योजना के तहत युवा ताड़ से ताड़ी के बजाय नीरा का उत्पादन करेंगे। इससे ताड़ी की बिक्री पर रोक लगेगी और नीरा के उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा। सरकार पहले चरण में ताड़, खजूर और नारियल के पेड़ों का सर्वेक्षण करेगी। पेड़ मालिकों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा।
मध्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग नीरा उत्पादन के लिए लाइसेंस जारी करेगा। बिना लाइसेंस नीरा उत्पादन पर कानूनी कार्रवाई होगी। पेड़ मालिकों को विभाग से सहायता राशि मिलेगी। लाभार्थियों को एक घोषणा पत्र देना होगा। इसमें उन्हें यह लिखना होगा कि वे अवैध शराब या ताड़ी का व्यापार नहीं करेंगे। प्रोत्साहन राशि जीविका समूह के माध्यम से सीधे पेड़ मालिक के खाते में जाएगी।
नीरा उत्पादन के लिए विशेष कार्य प्रणाली बनाई गई है। नीरा उत्पादक समूह को ‘टैपर’ कहा जाएगा। सभी टैपर्स को प्रशिक्षण दिया जाएगा। टैपर्स और पेड़ मालिकों के बीच इकरारनामा होगा। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना चुनाव से पहले पासी समाज को साधने की रणनीति है। पासी समाज पहले ताड़ी को लेकर सरकार का विरोध कर रहा था। यह योजना उनकी मांगों के अनुरूप है, जिसमें केवल ताड़ी उत्पादन की प्रक्रिया और नाम में बदलाव किया गया है।
नीरा उत्पादन को मिली हरी झंडी ग्रामीण युवाओं को मिलेगा रोजगार, जीविका के माध्यम से होगा भुगतान
