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बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभाओं का दौर जारी है। ऐसे में नेता जनता के बीच जा रहे हैं और जमकर भाषण दे रहे हैं। इसी दौरान एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप और व्यंग्य भी कर रहे हैं। ऐसे में अब सीएम नीतीश कुमार ने भी बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के खिलाफ जमकर बयानबाजी की है। सीएम नीतीश कुमार ने तेजस्वी के 10 लाख नौकरी के वादे पर सवाल पूछ लिया है। वहीं सीएम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस जनसभा में तेजस्वी यादव पर कई और जोरदार हमला किया।

इस जनसभा ने नीतीश कुमार ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा है कि कुछ लोग 10 लाख नौकरी देने का दावा कर रहे हैं। लेकिन यह नहीं बता रहे हैं कि इसके लिए आखिर पैसा कहां से आएगा। नीतीश ने कहा कि जिसके लिए जेल गए, उसी पैसे को निकालकर नौकरी देंगे क्या? बता दें कि सीएम नीतीश कुमार गोपालगंज जिले के गांधी स्मारक उच्च विद्यालय भोरे में एनडीए प्रत्याशी सुनील कुमार और कुचायकोट के अमरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय के समर्थन में सभा करने पहुंचे थे।

नीतीश ने इस दौरान फिर से लालू-राबड़ी के शासनकाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पति-पत्नी के 15 वर्षों के शासनकाल में शाम होते ही घरों से बाहर निकलने की लोगों की हिम्मत नहीं होती थी। उनके शासन में बिहार में कई सामूहिक नरसंहार हुए, लेकिन हमलोगों ने अपने शासनकाल में कानून का राज स्थापित किया है। वर्ष 2018 के भारत सरकार के आंकड़े के अनुसार ही पहले जहां कानून- व्यवस्था के मामले में बिहार निचले पायदान पर था, वहीं अब पूरे देश में 23वें स्थान पर आ गया है। बिहार का विकास दर भी पूरे देश में सबसे अधिक 12.7 प्रतिशत प्रति वर्ष हो गया है।

वहीं इसके बाद सीएम ने अपने 15 वर्षों के शासनकाल की उपलब्धियों के बारे में कहा कि पति-पत्नी के शासनकाल में महिलाओं को कोई इज्जत नहीं मिलती थी। हमने पंचायतों और नगर निकायों में उनके लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की। पहले महादलितों के बच्चे बड़ी संख्या में स्कूल नहीं जा पाते थे। आज आउट ऑफ स्कूल बच्चों की संख्या आधा प्रतिशत ही रह गई है। आज लड़के और लड़कियों की संख्या विद्यालयों में करीब-करीब बराबर हो गई है। अस्पतालों में भी काफी सुधार हुआ है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पहले मात्र 39 लोग सरकारी अस्पतालों में प्रतिमाह इलाज कराने जाते थे। आज औसतन 10000 लोग एक माह में इलाज कराने जाते हैं।

नीतीश ने आगे कहा कि हर जिले में इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक, महिला आईटीआई और एएनएम संस्थान खोले जा रहे हैं। उच्च शिक्षा के लिए गरीब लोगों के बच्चों को चार लाख रुपए तक का क्रेडिट कार्ड दिया जा रहा है। बच्चों को कुशल बनाने के लिए आज कुशल युवा कार्यक्रम के तहत संवाद कौशल,व्यवहार कौशल आदि कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

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