आरा, विशेष संवाददाता
भोजपुर जिले के अलग-अलग इलाकों में सीओ की मिलीभगत से सरकारी जमीन की फर्जी जमाबंदी कराने का मामला अब उल्टा पड़ता जा रहा है. राजस्व विभाग के उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने सरकारी जमीन की फर्जी जमाबंदी के मामले में कार्रवाई तेज कर दी है. एडीएम की अदालत ने इस मामले पर सुनवाई शुरू करते हुए सैकड़ो लोगों को नोटिस जारी किया है. इस कार्रवाई से सरकारी जमीन की फर्जी जमाबंदी करने में शामिल सीओ और कर्मियों के होश उड़े हुए हैं.
इस कार्रवाई के शुरू होने का नतीजा है कि सम्बंधित अंचलों के तत्कालीन सीओ और कर्मचारियों के बीच हड़कम्प मच गया है. सीओ और कर्मचारी द्वारा मोटी रकम लेकर सरकारी जमीन का निजी लोगों के हाथों फर्जी जमाबंदी करने के मामले में 228 व्यक्तियों पर नोटिस जारी होने के बाद जमीन मालिक को वैध कागजात दिखाने के लिए कहा गया है. अब यह मुश्किल जमीन मालिक, सीओ और कर्मी तीनों की हो गयी है. जिन 228 लोगों को नोटिस जारी हुई है यदि वह वैध कागजात नहीं पेश कर पाए तो उनकी जमीन की जमाबंदी रद्द हो जाएगी. ऐसा होने पर न सिर्फ उस जमीन से अतिक्रमण हटेगा बल्कि उस जमीन की जमाबंदी करने वाले सीओ और कर्मी कार्रवाई के दायरे में आ जायेंगे.
यह फर्जीवाड़ा भोजपुर के दियारा इलाके के बड़हरा प्रखंड के सिन्हा मौजा का है जिसमे लगभग 349 एकड़ सरकारी भूमि की फर्जी जमाबंदी साल 1975-76 से ही होती आई है और अब तक कुल 228 व्यक्तियों के नाम पर सरकारी जमीन की फर्जी जमाबंदी का मामला सामने आया है. लेकिन फर्जीवाड़े की जानकारी इसी साल जनवरी में तब हुई जब तत्कालीन अंचलाधिकारी और थाना प्रभारी के समक्ष अजय कुमार सिंह बनाम बबन सिंह के बीच का परिवाद सामने आया. इस परिवाद में सिन्हा पंचायत के खाता संख्या 1485 और 1486 से जुड़ा मामला जब सामने आया तो इस बात का खुलासा हुआ कि यह सरकारी जमीन है और इसकी सालों पहले सीओ और कर्मी की मिलीभगत से जमाबंदी कराई गई है. जब इस मामले में जांच हुई तो पता चला कि दियारांचल के इलाके में सिन्हा मौजा की 349 एकड़ से ज्यादा सरकारी भूमि की फर्जी जमाबंदी कराई गई है. यही नहीं आरा के राजेंद्र नगर मुहल्ले में भी आरा सदर के तत्कालीन सीओ और कर्मियों की मिलीभगत से सरकारी जमीन की फर्जी जमाबंदी कराये जाने का भी मामला सामने आया है और इस मामले में भी अब कार्रवाई शुरू हो चुकी है.
सरकारी जमीन की फर्जी जमाबंदी मामले में 288 लोगों को नोटिस सीओ और कर्मचारियों पर हो सकती है कड़ी कार्रवाई
