लोकसभा स्पीकर
ओम बिरला को आसन तक पहुंचाते नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी
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पटनाः लोकसभा स्पीकर के रुप में ओम बिरला (OM Birla) दूसरी बार चुने गए हैं। ओम बिरला को ध्वनिमत से 18वीं लोकसभा का नया स्पीकर चुना गया। इसके बाद पीएम मोदी और नेता विपक्ष राहुल गांधी उन्हें आसन तक लेकर पहुंचे। ध्वनिमत पर विपक्ष ने डिविजन की मांग नहीं की। ओम बिरला के नाम पर विपक्ष का विरोध न करना मोदी सरकार के लिए भी किसी सरप्राइज से कम नहीं रहा। उम्मीद यही की जा रही थी कि विपक्ष वोटिंग की मांग करेगा और फिर पूरी प्रक्रिया के तहत मतदान होगा। लेकिन अचानक ट्विस्ट तब आया जब ध्वनिमत से बिरला को अध्यक्ष चुने जाने पर विपक्ष ने वोटिंग की मांग ही नहीं रखी और इसे मान लिया गया।

ओम बिरला दूसरी बार बने स्पीकर

लोकसभा स्पीकर दूसरी बार बनने के बाद पीएम मोदी ने ओम बिरला को बधाई दी। कोटा से तीसरी बार के सांसद ओम बिरला ने दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष का बनकर इतिहास रच दिया है। लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बनने वाले वह तीसरे शख्स हैं। उनसे पहले बलराम जाखड़ 9 सालों तक स्पीकर रहे थे। अगर बिरला पूरे 5 सालों तक स्पीकर बने रहते है, तो यह एक रिकॉर्ड बनेगा। अब तक कोई भी 10 सालों तक स्पीकर नहीं रहा है। जब ओम बिरला ने अध्यक्षीय आसन ग्रहण किया तो नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी और किरेन रीजीजू ने उन्हें बधाई और शुभकामना दी।

ओम बिरला के नाम राजनाथ ने किया अनुमोदन

ओम बिरला के लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने के बाद पीएम नरेंद मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि हमारा विश्वास है कि आप आने वाले पांच साल तक हम सभी का मार्गदर्शन करते रहेंगे। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अध्यक्ष पद के लिए ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा था, जिसका रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अनुमोदन किया। इस प्रस्ताव को प्रोटेम स्पीकर (कार्यवाहक अध्यक्ष) भर्तृहरि महताब ने सदन में मतदान के लिए रखा और इसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। इसके बाद कार्यवाहक अध्यक्ष महताब ने बिरला को लोकसभा स्पीकर चुने जाने की घोषणा की। पीएम मोदी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू बिरला को अध्यक्षीय आसन तक लेकर गए।

लोकसभा स्पीकर ध्वनिमत से जीते

लोकसभा स्पीकर को लेकर विपक्ष ने ओम बिरला के सामने के सुरेश को उम्मीदवार बनाया था। लेकिन जब चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई तो विपक्ष ने डिविजन की मांग नहीं की। जिसके बाद ध्वनिमत से ही बिरला को अध्यक्ष चुन लिया गया। बता दें कि सूत्रों के हवाले से ये जानकारी पहले ही सामने आई थी कि विपक्ष संभवतः वोटिंग के लिए दबाव नहीं बनाएगा। अगर ध्वनिमत से चुनाव परिणाम आ जाता है तो उसे मान लिया जाएगा। कल रात मल्लिकार्जुन खरगे के घर इंडिया गठबंधन की बैठक हुई थी। बैठक में रामगोपाल यादव और कुछ अन्य नेताओं ने ये प्रस्ताव रखा था। नेताओं का कहना था कि इंडिया गठबंधन के पास संख्या बल नहीं है।

लोकसभा स्पीकर के मुद्दे पर एनडीए गठबंधन में एक दिखा, लेकिन इंडिया गठबंधन में काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। साथ ही वोटिंग के दौरान कुछ सांसदों के गैर हाज़िर रहने की भी संभावनाएं थी। ऐसे में अगर वोटिंग हुई तो इंडिया गठबंधन की संख्या और कम दिखेगी, जबकि एनडीए संख्याबल में बेहद मज़बूत दिखेगा। इसलिए लोकसभी स्पीकर के मुद्दे पर विपक्ष चुप रहना ही पसंद किया।

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