मुजफ्फरपुर, संवाददाता
बढ़ती गर्मी से बड़ी संख्या में लोग लू और मौसमी बीमारी के प्रभाव में आ रहे हैं। स्थिति यह है कि मुजफ्फरपुर में सदर अस्पताल और निजी अस्पताल में मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है। हर राेज लगभग 1 हजार की संख्या में मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। जिले में दोपहर तक तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जा रहा है।
सदर अस्पताल के डॉक्टर बीएस झा के मुताबिक गर्मी में दोपहर के समय खासकर 12 से 4 बजे तक तापमान में बढ़ोतरी हो जाती है। तेज गर्मी में धूप के सीधे संपर्क में आने से बच्चों में लू लगने का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे मौसम में अगर सावधानी से काम लिया जाए, तो बीमारियों से बच्चों को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लू लगने के लक्षणों में उल्टी-दस्त, शरीर तेज गर्म होना, आंखों का रंग पीला पड़ना और पेशाब पीला आना प्रमुख हैं। इस दौरान भूख कम लगती है और शरीर में कमजोरी आ जाती है ।
डॉक्टर झा ने बताया कि दोपहर के समय घर से बाहर परहेज करना चाहिए। बहुत जरूरी हो तो शरीर को ढंककर ही बाहर निकलना मुनासिब है। कहीं भी जाते समय पानी की बोतल एहतियातन साथ में रखें। शरीर में पानी की कमी होने पर ओआरएस के घोल, लस्सी, नारियल पानी, खीरा और तरबूज का सेवन फायदेमंद है। फिल्टर या उबाल कर ही पानी पिएं। बाहरी खाने जैसे गोलगप्पे, चाट पापड़ी और आइसक्रीम से परहेज करें।
डॉक्टर झा ने कहा कि मौसमी बीमारी से ग्रसित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ओपीडी में हर रोज 1 हजार से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। मरीजों की बढ़ती संख्या के साथ यह भी चिंता है कि बच्चों में होनी वाली खतरनाक बीमारी एईएस के मामले इस मौसम में बढ़ने लगते हैं। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है।
चमकी बुखार से संक्रमित बच्चों के परिजन किसी ओझा-गुनी के चक्कर में ना पड़े। बच्चों को सही समय पर सरकारी अस्पताल में लाकर भर्ती करवाए। अभी मौसमी बीमारी का भी असर है। इस मौसम में सर्दी, खांसी, दम फूलना, ब्लड शुगर का बढ़ना ,घुटनाें में दर्द होने के मामले बढ जाते हैं।
अस्पतालों में रोज आ रहे औसतन एक हजार मरीज गर्मी के कारण बढ़े लू और मौसमी बीमारी के मामले,गोलगप्पे, चाट और पापड़ी से करें परहेज
