बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियों के बीच सीमांचल की राजनीति में नई हलचल देखने को मिल रही है। एआईएमआईएम (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी आज से सीमांचल के चार जिलों—किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार—में चार दिवसीय “सीमांचल न्याय यात्रा” की शुरुआत कर रहे हैं। यह यात्रा 24 से 27 सितंबर तक चलेगी, जिसका उद्देश्य सीमांचल की जनता की समस्याओं को सामने लाना और सरकार से ठोस समाधान की मांग करना है।
यात्रा का कार्यक्रम
यात्रा का आगाज 24 सितंबर को किशनगंज जिले से होगा। ओवैसी यहां पोठिया, ठाकुरगंज और बहादुरगंज जैसे इलाकों का दौरा करेंगे।
25 सितंबर को अररिया जिले में रहमतपरा, सोनथा और जोगीहट में जनसभाएं होंगी।
26 सितंबर को पूर्णिया में डगरूआ, बैसी और अमौर के लोग न्याय यात्रा का हिस्सा बनेंगे।
अंतिम दिन यानी 27 सितंबर को ओवैसी एक बार फिर किशनगंज लौटेंगे और डांगरा, बलरामपुर तथा चांदनी चौक में जनसंवाद करेंगे।
यात्रा का उद्देश्य
ओवैसी और उनकी पार्टी का कहना है कि सीमांचल लंबे समय से उपेक्षा का शिकार रहा है। यहां की जनता बाढ़, बेरोजगारी और खराब आधारभूत संरचना से जूझ रही है। हर साल बाढ़ से हजारों हेक्टेयर फसलें बर्बाद होती हैं और किसान कर्ज के बोझ तले दब जाते हैं। सड़क और बिजली की हालत भी बदहाल है, जबकि स्वास्थ्य सेवाएं पर्याप्त नहीं हैं।
ओवैसी का मानना है कि सीमांचल को न्याय दिलाना केवल चुनावी मुद्दा नहीं बल्कि उनका संकल्प है। यात्रा के दौरान वह स्थानीय नेताओं से संवाद करेंगे और जनसभाओं में जनता की आवाज उठाएंगे।
राजनीतिक संदेश
ओवैसी की यह यात्रा केवल विकास के मुद्दों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके जरिए वह सीमांचल में अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करना चाहते हैं। एआईएमआईएम ने 2020 के विधानसभा चुनावों में सीमांचल क्षेत्र से अप्रत्याशित सफलता हासिल की थी और कई सीटों पर जीत दर्ज की थी। ऐसे में ओवैसी की इस न्याय यात्रा को 2025 के चुनाव की तैयारी और रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
सोशल मीडिया पर ओवैसी ने बिहारवासियों से इस यात्रा में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा—“सीमांचल का न्याय, हमारा संकल्प है। जब तक यहां की समस्याओं का समाधान नहीं होगा, हमारी लड़ाई जारी रहेगी।”
इस यात्रा के जरिए ओवैसी सीमांचल की जनता को यह संदेश देना चाहते हैं कि उनकी पार्टी केवल चुनावी राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि यहां की जमीनी समस्याओं को भी लेकर गंभीर है।