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हेरिटेज हॉस्पिटल में मरीज के परिजनों के साथ दुर्व्यवहार करने का मामला सामने आया है। परिजन का आरोप है कि डॉक्टर नीरज प्रसाद की मनमानी और नर्स व अन्य डॉक्टर की लापरवाही की वजह से गलत इलाज के कारण सुषमा प्रसाद की मौत हुई है।

मिली जानकारी के मुताबिक लहेरियासराय थाना क्षेत्र के मदारपुर निवासी माया शंकर प्रसाद की पत्नी 56 वर्षीय सुषमा प्रसाद का इलाज के दौरान हेरिटेज हॉस्पिटल में निधन शनिवार की सुबह हो गया। मृतिका के पति माया शंकर प्रसाद ने बताया कि मंगलवार को किडनी की समस्या से पीड़ित अपनी पत्नी 56 वर्षीय सुषमा प्रसाद को दोनार स्थित हेरिटेज हॉस्पिटल में भर्ती किया था। बुधवार को हालत में काफ़ी सुधार हुआ। मोटी रकम बनाने को लेकर नाज़ुक स्थिति नहीं होने के बावजूद भी आईसीयू में भर्ती रखा। साथ ही ऊंची कीमत वाली अनावश्यक दवाओं का भी प्रयोग किया गया। साथ ही इलाज के दौरान काफी लापरवाही बरती गई। शनिवार सुबह एक गलत सुई देने के बाद बेचैनी बढ़ी और निधन हो गया। डॉ नीरज प्रसाद वहां से फरार हो गए और बेंता ओपी को फोन कर परिजन द्वारा नर्स व स्टाफ की पिटाई की झूठी शिकायत कर बुला लिया।

मौके पर मौजूद बेंता ओपी के शिवराम पासवान ने बताया कि यहां पहुंचने पर स्टाफ के साथ मारपीट की ऐसी कोई बात नहीं थी। मृतिका के परिजन विलाप कर रहे थे और बार बार डॉ नीरज प्रसाद को बुलाकर बात करने की मांग कर रहे थे।

परिजनों का आरोप है कि किडनी की बीमारी के बजाय किसी अन्य बीमारी के इलाज में उपयोग किए जाने वाली सुई सुषमा प्रसाद को लगा दी जिससे बेचैनी बढ़ी। बेचैनी बढ़ने के बाद परिजन अस्पताल में मौजूद नर्स और स्टाफ को डॉ नीरज प्रसाद को बुलाने की गुहार लगाते रहे लेकिन डॉ नीरज प्रसाद आईसीयू में नहीं आए और अस्पताल से बाहर भाग गए।

हेरिटेज हॉस्पिटल की स्टाफ नर्स प्रियंका, उनके पुत्र मोनल और साहिल के साथ गाली गलौज करने लगी और शीघ्र पैसे जमाकर शव को जल्द यहां से बाहर ले जाने को कहा। वहीं हेरिटेज हॉस्पिटल प्रबंधन ने कहा कि मरीज के परिजन को पूरी जानकारी थी कि मरीज के बचने की संभावना नहीं है।

इस बात को खारिज करते हुए मरीज के परिजन ने कहा कि सही इलाज नहीं कर सकते थे तो रेफर क्यों नहीं किया। उन्होंने बताया कि इससे कुछ दिन पूर्व भी मेरी पत्नी सुषमा प्रसाद हेरिटेज हॉस्पिटल में लगभग एक सप्ताह भर्ती रही थी तो 1लाख 80 हजार का बिल बनाया गया था जिसमें नर्स व स्टाफ द्वारा उपयोग की जाने वाली सेफ्टी किट पीपीई किट हैंड ग्लब्स का भी दाम प्रतिदिन कई दफा का जोड़ा हुआ था साथ ही उसबार भी लगातार आईसीयू में ही रखा गया था। और अभी 4 दिनों का लगभग 80 हजार से अधिक रूपए की वसूली के बाद ही शव को ले जाने दिया गया।

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