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पटना: पटना इस्कॉन मंदिर का विवाद बढ़ता जा रहा है। सोमवार देर रात हुई मारपीट की घटना पर पूर्व मंत्री तेजप्रताप ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। तेजप्रताप ने सोशल मीडिया एक्स पर घटना को दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताया है। तेजप्रताप ने पटना इस्कॉन के अध्यक्ष का होटल में लड़की संग वीडियो भी पोस्ट करते हुए लिखा- मैंने 8 साल पहले ही इस्कॉन को लेकर खुलासा किया था, तब मेरी बातों को गंभीरता से लिया गया होता तो आज ऐसी घटना नहीं होती। मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस्कॉन के काले कारनामों की लंबी लिस्ट है।
तेज प्रताप ने कहा कि इस्कॉन मंदिर में बच्चों का शोषण हो रहा है। अब तो इसका वीडियो भी सामने आ गया है। जिस तरीके से मंदिर के अध्यक्ष कृष्ण कृपा दास भगवान का नाम लेकर इस तरीके का काम कर रहे है, यह कहीं से भी सही नहीं है। हम उन्हें यहां से हटाने की मांग करते हैं। इसको लेकर हम इस्कॉन मंदिर के जीबीसी को भी पत्र लिखेंगे।

उन्होंने कहा कि मेरी आज कोतवाली थाना में बात हुई है। उनकी ओर से कहा गया है कि इस पर एक्शन लिया जायेगा । पहले इस मामले में एफआईआर होनी चाहिए। कृष्ण कृपा दास को जेल के अंदर जाना चाहिए। जिस तरीके से हम एक बार थाना पर गए थे, उसी तरीके से अब अपनी टीम लेकर इस्कॉन मंदिर भी जाएंगे। धार्मिक न्यास बोर्ड से हम यह कहना चाहते हैं कि ऐसे साधु संतों को हटाया जाए, इन्हें बोर्ड में ना रखा जाए।

भागलपुर इस्कॉन प्रेसिडेंट रक्षक गिरिधारी दास ने तेज प्रताप यादव की ओर से लगाए गए यौन शोषण के आरोप को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि पहले साक्ष्य नहीं थे। अब मेरे पास साक्ष्य है। तेज प्रताप यादव का आरोप बिल्कुल सही था। पहले कृष्ण कृपा दास के सहकर्मी पर पॉस्को का आरोप लगा था।

उसके खिलाफ इस्कॉन का इंटरनल जजमेंट भी आया था, जिसमें दोष सही पाया गया था। उसे हटाने की अनुशंसा की गई। फिर भी उसको प्रेसिडेंट ने संरक्षण दिया गया, जो मंदिर परिसर के लिए सही नहीं था। मुझे थाने पर विश्वास नहीं है। आईजी से मुलाकात की है। जल्द आवेदन दिया जाएगा। गिरिधारी दास ने पटना इस्कॉन के प्रेसिडेंट कृष्ण कृपा दास पर लड़की से छेड़खानी और मारपीट के गंभीर आरोप लगाए हैं।

इन्सर्ट
इस्कॉन ने 4 सदस्यीय जांच समिति गठित की उधर इस्कॉन के पूर्वी क्षेत्र के निदेशक कम्युनिकेशन कृष्ण दास ने एक बयां जारी कर इस घटना को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा की एक जिम्मेवार संस्था होने के नाते सभी शिकायतों को गंभीरता से लिया जाता है हुए निष्पक्ष रूप से लिया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी मामलों में न्याय हो ताकि लाखों भक्तों की आस्था बनी रहे। बयान में उन्होंने कहा है कि संस्था के 4 वरिष्ठ सदस्य मामले की जांच कर रहे हैं। जल्द ही वे अपनी रिपोर्ट नेतृत्व को पेश करेंगे ताकि आवश्यक कार्रवाई हो सके।

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