पटना डेस्कः पटना-आरा-सासाराम हाईवे परियोजना के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इसका निर्माण 2025 से शुरू हो सकता है। बताया जा रहा है कि इस हाईवे को केंद्र सरकार ने हाइब्रिड एन्युटी मोड में बनाने का फैसला लिया है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में 3,900 करोड़ रुपये की लागत आने की बात कही जा रही है।
हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (एचएएम) का मतलब है, सड़क निर्माण और राजमार्ग परियोजनाओं के लिए एक ऐसा मॉडल जिसमें सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर काम करते हैं। इस मॉडल में, सरकार परियोजना लागत का 40% हिस्सा देती है और बाकी 60% हिस्सा निजी क्षेत्र को उठाना होता है।
हाइब्रिड एन्युटी मॉडल के तहत सरकार पहले पांच सालों में परियोजना लागत का 40% हिस्सा पांच बराबर किस्तों में देती है। बाकी 60% हिस्सा, परियोजना के पूरा होने के बाद, निर्मित परिसंपत्तियों के मूल्य के आधार पर दिया जाता है। इस मॉडल में, परियोजनाओं के मुकदमेबाजी में फंसने, विलंब से पूरा होने, और लागत बढ़ने की आशंका कम रहती है।
बता दें कि यह हाईवे पटना से शुरू होकर आरा और सासाराम होते हुए ग्रैंड ट्रंक रोड (NH 19) से जुड़ेगा। इस परियोजना से पटना और आसपास के क्षेत्रों के बीच यात्रा समय में कमी आएगी और यात्रियों को अधिक आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा। इस पर अधिकतम गति 100 किमी प्रति घंटा होगी।
इस हाईवे में एक महत्वपूर्ण हिस्सा आरा शहर के लिए रिंग रोड का भी होगा, जिससे शहर के ट्रैफिक को व्यवस्थित किया जा सकेगा. इसके अलावा, सोन नदी पर नया पुल बनेगा, जो कोइलवर पुल से लगभग 10 किलोमीटर दूर होगा. इस परियोजना का निर्माण दो हिस्सों में होगा, पहला भाग पटना से आरा तक 46 किमी और दूसरा भाग आरा से सासाराम तक 74 किमी लंबा होगा।
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