पटना का गांधी मैदान बनेगा सोने की लंका: 80 फीट रावण, रामलीला और आधुनिक तकनीक से सजेगा भव्य दशहरा

“जहां खबर हो सबसे पहले – संस्कृति, समाज और सरोकार की पूरी झलक”

4 Min Read
Highlights
  • • पटना गांधी मैदान में इस बार 80 फीट रावण, 75 फीट कुंभकरण और 70 फीट मेघनाथ के पुतले तैयार। • पुतलों का निर्माण आगरा से आए विशेष कारीगर कर रहे हैं। • पहली बार रावण का स्वरूप इंसानी शरीर जैसा डिजाइन किया गया है। • विजयादशमी पर दो मंजिला सोने की लंका और अशोक वाटिका का मंचन होगा। • हनुमान अशोक वाटिका को रोशन करेंगे और फिर सोने की लंका में आग लगाई जाएगी। • 17 साल बाद गांधी मैदान में रामलीला का मंचन, आधुनिक तकनीक, साउंड और लाइटिंग के साथ। • दर्शकों के लिए बैठने और देखने की विशेष सुविधा, प्रशासन ने की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी। • आयोजन समिति ने अपील की—बच्चों के जेब में मोबाइल नंबर और पता जरूर रखें। • 2 अक्टूबर को रावण वध और मुख्य आयोजन, 3 अक्टूबर को समापन। • हजारों दर्शकों के जुटने की संभावना, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व का भव्य आयोजन।

पटना: इस बार विजयादशमी का पर्व बिहार की राजधानी पटना के लिए बेहद खास होने वाला है। गांधी मैदान में आयोजित होने वाले दशहरा महोत्सव को इस बार और भी भव्य रूप देने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। 80 फीट ऊंचा रावण, 75 फीट का कुंभकरण और 70 फीट का मेघनाथ अपनी पूरी शान के साथ मैदान में खड़े होंगे। दशहरा पूजा कमेटी के उपाध्यक्ष कमल नोपानी ने बताया कि इस बार रावण वध का दृश्य पहले से कहीं अधिक आकर्षक और जीवंत बनाया जा रहा है।

रावण का पुतला इंसानी स्वरूप में

इस बार रावण का पुतला सामान्य से बिल्कुल अलग होगा। आयोजकों ने इसे इंसान की तरह वास्तविक स्वरूप देने का निर्णय लिया है। पुतले के अंग-प्रत्यंग को इस तरह तराशा जा रहा है कि वह किसी विशालकाय इंसान जैसा दिखे। आयोजकों का मानना है कि इस बदलाव से दर्शकों को और भी रोमांचक अनुभव मिलेगा और उनकी भागीदारी बढ़ेगी।

पुतलों के निर्माण का काम आगरा से आए कुशल कारीगर कर रहे हैं। उनकी मेहनत और हुनर से इस बार का दशहरा आयोजन देखने वालों के लिए अविस्मरणीय बनने वाला है।

सोने की लंका और अशोक वाटिका

गांधी मैदान सिर्फ पुतलों तक ही सीमित नहीं रहेगा। यहां पर दो मंजिला सोने की लंका का भव्य स्वरूप भी तैयार किया जा रहा है। रामायण के प्रसंगों को जीवंत बनाने के लिए विशेष मंचन की योजना बनाई गई है।
• सबसे पहले हनुमान जी अशोक वाटिका को रोशन करेंगे।
• इसके बाद सोने की लंका में आग लगाई जाएगी।
• अंत में रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों का दहन होगा।

यह क्रम दर्शकों को रामायण की कहानी का अद्भुत अनुभव कराएगा।

17 साल बाद गांधी मैदान में रामलीला

इस बार का आयोजन इसलिए भी खास है क्योंकि 17 वर्षों बाद गांधी मैदान में रामलीला का मंचन हो रहा है। नवरात्रि के प्रथम दिन से ही रामलीला की शुरुआत हो चुकी है। रोजाना अलग-अलग प्रसंगों का मंचन किया जा रहा है और दर्शकों की भीड़ इसे देखने के लिए उमड़ रही है।

रामलीला समिति ने कार्यक्रम को और आकर्षक बनाने के लिए आधुनिक तकनीक, साउंड और लाइटिंग का सहारा लिया है। इससे रामायण के दृश्य जीवंत प्रतीत होंगे और दर्शकों को वास्तविक अनुभव मिलेगा।

सुविधा और सुरक्षा पर विशेष ध्यान

आयोजन समिति ने दर्शकों की सुविधा के लिए बैठने और देखने की व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया है। प्रशासन भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सतर्क है ताकि दशहरा का यह पर्व शांति और उल्लास के माहौल में सम्पन्न हो सके।

उपाध्यक्ष कमल नोपानी ने अपील की है कि जो लोग बच्चों के साथ आ रहे हैं, वे बच्चों की जेब में अपना मोबाइल नंबर और घर का पता जरूर डाल दें। इससे अगर बच्चे भीड़ में खो जाएं तो आसानी से उनके घरवालों तक पहुंचाया जा सके।

कार्यक्रम की तारीखें
• 2 अक्टूबर: विजयादशमी का मुख्य आयोजन और रावण वध।
• 3 अक्टूबर: रामलीला का अंतिम प्रसंग और समापन।

इतने लंबे अंतराल के बाद गांधी मैदान में रामलीला और दशहरा का संगम पटना की सांस्कृतिक धरोहर को नई पहचान देगा।

पटना का गांधी मैदान इस बार सिर्फ दशहरा का प्रतीक नहीं होगा, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव का अनोखा संगम बनेगा। विशालकाय पुतले, सोने की लंका और रामायण का मंचन इस आयोजन को यादगार बनाएंगे। हजारों की भीड़ के बीच पटना का यह दशहरा न केवल बिहार बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बनेगा।

👉 Disclaimer: यह खबर आयोजन समिति और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। अंतिम कार्यक्रम और व्यवस्थाओं में बदलाव संभव है।

Share This Article