संगम में PM मोदी लगायेंगे डूबकी, 5 फरवरी को महाकुंभ के लिए कार्यक्रम तय

By Aslam Abbas 93 Views
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महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए आम और खास का संगम के तट पर पहुंचना जारी है। इसी बीच अब खबर निकलकर आ रही है पीएम नरेंद्र मोदी भी मानवता की इस जुटान का हिस्सा बनेंगे। तारीख ऐसी चुनी गई है कि संगम में डूबकी का ‘राजनीतिक पुण्य’ भी प्राप्त किया जा सके। मोदी का प्रयाग दौरा 5 फरवरी को प्रस्तावित है। उसी दिन दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए वोट भी डाले जाएंगे, इसलिए प्रयाग से दिल्ली पर नजर भी होगी।

बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी पिछले महीने 13 दिसंबर को भी प्रयाग आए थे और महाकुंभ की तैयारियों और प्रयागराज के विकास से जुड़ी 5000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण किया था। इसके बाद भी मोदी महाकुंभ के प्रमुख आयोजनों और स्नान के दिन सक्रिय रहे हैं। पौष पूर्णिमा से महाकुंभ के प्रथम स्नान का प्रारंभ रहा हो या मकर संक्राति पर पहला अमृत स्नान मोदी ने न केवल श्रद्धालुओं की शुभकामनाएं दीं, बल्कि आयोजन से जुड़ी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर साझा की।

सूत्रों का कहना है कि मोदी 5 फरवरी को प्रयागराज आएंगे और संगम में स्नान कर महाकुंभ का हिस्सा बनेंगे। पीएम हनुमान मंदिर और अक्षयवट कॉरिडोर भी जा सकते हैं। प्रशासन ने पीएम के संभावित दौरे को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। अब यह संयोग है या सियासी प्रयोग कि उसी दिन दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए उसकी सभी 70 सीटों पर मतदान होगा।

दिल्ली में भाजपा एकमात्र बार 1993 में सत्ता में आई थी, उसके बाद 1998 में कुर्सी कांग्रेस के हाथ चली गई थी। लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद भी 26 सालों से भाजपा विधानसभा में निर्णायक जीत दर्ज करने में नाकाम रही है। इस बार त्रिकोणीय मुकाबले में पार्टी संभावनाएं देख रही है। विकास के साथ हिंदुत्व की जुगलबंदी भाजपा की चुनावी रणनीति का हिस्सा रहा है। इस बार भी यह प्रयोग आजमाया जाता दिख रहा है। यूं तो महाकुंभ में पूरे देश-दुनिया के लोग आते हैं, लेकिन यूपी-बिहार के लोगों की बहुतायत होती है। दिल्ली में 20% से अधिक वोटर पूर्वांचल के है, जिनका करीब 30 सीटों पर असर है। ऐसे में मतदान के दिन आस्था की ‘डुबकी’ से अपेक्षाओं की चमक बढ़ाने पर भी नजर है।

हालांकि, भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि पीएम का दौरा फरवरी के पहले सप्ताह में इसलिए तय हुआ है, क्योंकि 3 फरवरी तक महाकुंभ में प्रमुख स्नान हैं। उनके पहले आने से सुरक्षा-व्यवस्था और प्रोटोकॉल के कारण श्रद्धालुओं को असुविधा होती, इसलिए पीएम ने प्रमुख स्नान व आयोजनों के बाद महाकुंभ में आने का निर्णय लिया है।

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