स्वच्छता का पोस्टर, गंदगी का सच : रक्सौल नगर परिषद की जमीनी हकीकत उजागर पोस्टर अगर जागरूकता का माध्यम हैं तो उन्हें निष्क्रिय सूचना बनने से रोकना भी जरूरी

By Team Live Bihar 181 Views
2 Min Read

रक्सौल, संवाददाता
नगर परिषद रक्सौल द्वारा हाल ही में शहर के सभी वार्डों में एक सार्वजनिक सूचना पोस्टर चिपकाया गया है जिसमें नागरिकों से अपील की गई है कि वे विभिन्न शहरी समस्याओं की शिकायत टोल फ्री नंबर 18002744600 पर दर्ज कराएं। यह पोस्टर 24×7 हेल्पलाइन सेवा और स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांडिंग के साथ लगाया गया है। लेकिन यह सूचना उस दीवार पर चिपकी है, जिसके नीचे समस्याएं जड़ें जमा चुकी हैं और वर्षों से जस की तस बनी हुई हैं।
नगर परिषद रक्सौल के निवासी बताते हैं कि इस पोस्टर में जिन समस्याओं की सूची दी गई है, जैसे अतिक्रमण, नालियों की सफाई, जल निकासी, टूटी सड़कें, स्ट्रीट लाइट की कमी, और नल-जल योजना से जुड़ी गड़बड़िया परिषद के सभी वार्डों में 24X7 मौजूद हैं।
स्थानीय निवासी अशोक चौरसिया कहते हैं, हर चुनाव में यही उम्मीद बनती है कि कुछ बदलेगा, लेकिन यह पोस्टर हमें वही पुरानी यादें दिला गया। ये समस्याएं नई नहीं हैं, ये तो हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन चुकी हैं।
पोस्टर पर लिखे गए विभागीय वादे और जमीनी सच्चाई के बीच का अंतर बेहद चौकाने वाला है। रक्सौल एक अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र है और पड़ोसी नेपाल का बीरगंज शहर, जो आधुनिक सुविधाओं और स्वच्छता के मामले में कहीं आगे है, यहां के नगर परिषद की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि रक्सौल को उसके अंतरराष्ट्रीय महत्व के अनुरूप विकसित करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति, पारदर्शी प्रशासन और नियमित निगरानी की जरूरत है। सिर्फ सूचना वाले पोस्टर लगाना या स्वच्छ भारत का लोगो चिपकाना ही काफी नहीं, जब तक कि धरातल पर काम न हो।
पोस्टर अगर जागरूकता का माध्यम हैं तो उन्हें निष्क्रिय सूचना बनने से रोकना होगा। रक्सौल के लगभग सभी वार्ड से लेकर मुख्य पथ की स्थिति पूरे शहर की तस्वीर बयां करती है, और यह तस्वीर फिलहाल उजली नहीं है।

Share This Article