मगही को 8वीं अनुसूची में शामिल कराने की लड़ाई लड़ेंगे प्रेम कुमार बोले- यह हमारी मातृभाषा के सम्मान और मगध की अस्मिता का सवाल है

By Team Live Bihar 59 Views
3 Min Read

गयाजी, संवाददाता
मगही भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग पर चल रहा आंदोलन तीसरे दिन समाप्त हो गया। सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने आमरण अनशन पर बैठी आंदोलनकारी को जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैं जनप्रतिनिधि होने के साथ-साथ मगध का बेटा भी हूं, मगही की लड़ाई मैं खुद लड़ूंगा।
मंत्री ने बताया कि बुधवार को कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आवेदन देकर मांग की जाएगी कि भारत सरकार से मगही भाषा को भी वैसा ही सम्मान दिलाया जाए जैसा मैथिली को मिला। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी मेरे द्वारा इस मसले को उठाया गया है। आगे भी हर सम्भव कोशिश की जाएगी।
मंत्री ने कहा कि 22 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गयाजी का दौरा है। पीएम मोदी गयाजी के विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैं। उनसे भी आग्रह किया जाएगा कि मगही भाषी लोगों की लंबे समय से चली आ रही इस मांग को पूरा करें। मंत्री ने कहा कि ये हमारी मातृभाषा का सम्मान और मगध की अस्मिता का सवाल है।
बीते तीन दिनों से मगही भाषी और मगही साहित्यकार भाषा को संविधान की 8 वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। इनकी मांग काफी समय से चली आ रही है लेकिन अब तक किसी भी स्तर पर कोई ठोस पहल नहीं की गई है। यही वजह है कि मगही क्षेत्र के लोग आंदोलन कर रहे हैं।
मीडिया से बातचीत के दौरान सहकारिता मंत्री ने डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के दो इपिक नंबर के विवाद पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। यदि कोई गलती हुई है तो सुधार होगा और सच्चाई सामने लाई जाएगी।
वोटर लिस्ट शुद्धिकरण पर मंत्री ने साफ कहा कि यह अभियान घुसपैठियों को बाहर करने के लिए है। देश में कई बांग्लादेशी और रोहिंग्या अवैध रूप से घुस आए हैं और फर्जी तरीके से मतदाता पहचान पत्र बनवा लिया है। ऐसे लोग मतदाता सूची से बाहर होंगे। जिनके कागज सही हैं, उन्हें डरने की जरूरत नहीं।

Share This Article