राजगीर(नालंदा), संवाददाता
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एवं नीति चिंतक प्रोफेसर सचिन चतुर्वेदी ने बुधवार को नालंदा विश्वविद्यालय के नए कुलपति के रूप में औपचारिक रूप से कार्यभार ग्रहण किया। यह विश्वविद्यालय प्राचीन नालंदा महाविहार की गौरवशाली परंपरा को आधुनिक संदर्भों में पुनर्जीवित करने का एक अंतरराष्ट्रीय प्रयास है। कार्यभार ग्रहण के अवसर पर अंतरिम कुलपति प्रो. अभय के. सिंह और फैकल्टी के साथ-साथ पीएचडी के छात्रों ने प्रो. चतुर्वेदी का हार्दिक स्वागत किया और उन्हें इस नई भूमिका के लिए शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर अपने उद्बोधन में प्रो. चतुर्वेदी ने नालंदा विश्वविद्यालय के ध्येय वाक्य ‘अनो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः” का उल्लेख करते हुए कहा – “यह वाक्य हमें हमारे शाश्वत मूल्यों से जोड़ता है। नालंदा ने सदैव एक मुक्त और समावेशी बौद्धिक परंपरा का प्रतिनिधित्व किया है, जो वैश्विक दृष्टिकोण और भारतीय विद्वत्ता की समृद्ध विरासत के साथ एक जीवंत संवाद को बढ़ावा देता है।’
प्रो. चतुर्वेदी, जो वर्तमान में रिस, दिल्ली स्थित एक थिंक-टैंक के महानिदेशक का दायित्व भी निभा रहे हैं, डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स, दक्षिण-दक्षिण सहयोग एवं नीति निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा चुके हैं। उन्होंने 22 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं, एनईएसटी और एफआईडीसी जैसे मंचों की स्थापना की है जिससे वैश्विक मंचों पर भारतीय दृष्टिकोण को प्रतिष्ठा मिली। प्रो. चतुर्वेदी भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक भी हैं।
अपने नए दायित्व को गर्व और सौभाग्य की अनुभूति बताते हुए उन्होंने कहा कि, ‘ नालंदा के पुनरुत्थान और विकास में योगदान देना मेरे लिए अत्यंत सम्मान की बात है। मैं सभी के साथ मिलकर कार्य करने के लिए उत्सुक हूं और मुझे पूर्ण विश्वास है कि हमारे सामूहिक प्रयासों से नालंदा वैश्विक विमर्शों का एक सशक्त केंद्र बनकर उभरेगा।’
प्रोफेसर सचिन चतुर्वेदी ने नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यभार संभाला
