अशोक भाटिया (वरिष्ठ स्तंभकार )
22 वर्षीय लॉ स्टूडेंट और सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी ने भारत में अभिव्यक्ति स्वतंत्रता और धार्मिक संवेदनशीलता पर फिर से बहस शुरू हो गए है। शर्मिष्ठा को कोलकाता पुलिस ने ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित एक वीडियो में कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणियां करने के मामले में गुरुग्राम से गिरफ्तार किया है। हालांकि, मामले को बढ़ता देख शर्मिष्ठा ने पहले ही बिना शर्त के माफी मांग ली थी, लेकिन कई राजनेता शर्मिष्ठा की आलोचना करते हुए गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। शर्मिष्ठा ने अपनी वीडियो में उन अभिनेताओं की आलोचना की थी। जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी। वह कथित तौर पर एक यूजर को जवाब दे रही थीं, जिसने पूछा था कि भारत ने बिना किसी कारण के पाकिस्तान पर गोलीबारी क्यों की। शर्मिष्ठा ने अपनी वीडियो में कथित तौर पर अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया था।
शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने वजाहत खान के खिलाफ भी कार्रवाई की है। पुलिस में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ़्तारी में शिकायतकर्ता वजाहत खान के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है। वजाहत रशीद पर हिंदू देवी-देवताओं के अपमान के आरोप लगे थे। असम पुलिस ने वजाहत को गिरफ्तार करने के लिए टीम भेजी थी। वजाहत खान के खिलाफ असम में एक केस दर्ज किया गया है। इससे पहले असम सरकार ने वजाहत को गिरफ्तार करने के लिए बंगाल सरकार से मदद मांगी थी।
वजाहत रशीद कोलकाता स्थित ‘रशीदी फाउंडेशन’ के सह-संस्थापक है। शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी के बाद वजाहत की कारगुजारियां भी सामने आने लगी। उसने हिंदू धर्म, भगवान कृष्ण, कामाख्या देवी मंदिर जैसे धार्मिक स्थलों और हिंदू त्योहारों को लेकर आपत्तिजनक बातें लिखी थीं। इनमें से कुछ पोस्ट उन्होंने बाद में डिलीट भी की थीं। इसके बाद असम में मामला दर्ज हुआ था। इसके साथ ही अमिता सचदेवा ने भी दिल्ली के साकेत साइबर थाने में वजाहत रशीद के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। अब कोलकाता पुलिस ने भी एफआईआर दर्ज की ली है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने वजाहत खान के खिलाफ दर्ज केस की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देवी मां कामाख्या के खिलाफ एक व्यक्ति द्वारा की गई अस्वीकार्य टिप्पणियों के संदर्भ में असम पुलिस ने मामला दर्ज किया गया है और हम उस व्यक्ति को कानून का सामना करने के लिए असम लाने में पश्चिम बंगाल सरकार से सहयोग मांगेंगे।
समाचार पत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार शर्मिष्ठा पनोली स्वयं भी कानून की जानकर है वह पुणे लॉ यूनिवर्सिटी में कानून की छात्रा हैं। जब शुक्रवार को गुरुग्राम में उनके घर की घंटी बजी, सामने कोलकाता पुलिस थी। पुलिस ने कहा, आपको गिरफ्तार किया जा रहा है। आखिर शर्मिष्ठा ने ऐसा क्या किया कि पुलिस को 1500 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ी? शर्मिष्ठा ने ऐसा क्या किया कि वह पूरे देश की राजनीति का केंद्र बन गई हैं? उनकी गिरफ्तारी के बाद ममता सरकार की आलोचना क्यों हो रही है?क्या उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है या फिर उनके ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ विवादित पोस्ट की वजह से हुई है, जिसे उन्होंने डिलीट भी कर दिया था? ममता की पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने में इतनी तेजी क्यों दिखा रही है? इन सभी सवालों पर बात करने से पहले जानते हैं शर्मिष्ठा के विवाद और उनकी गिरफ्तारी की कहानी।
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर देश-विदेश के लोगों ने प्रतिक्रिया दी थी। इसी दौरान पुणे लॉ कॉलेज की एक स्टूडेंट, जो उभरती हुई सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर हैं, ने कुछ ऐसा कहा कि सोशल मीडिया, खासकर एक्स पर उनके खिलाफ हैशटैग बायकॉट होने लगा। सोशल मीडिया पर #ArrestSharmistha ट्रेंड करने लगा।
शर्मिष्ठा ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि भारत अब सिर्फ गांधी का फैन नहीं है। अगर तुम आंख दिखाओगे तो तुम्हारे घर में घुसकर मारेगा। वह अपने पूरे वीडियो में पाकिस्तान और पाकिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ बोल रही थीं। हालांकि, उन्होंने अपने डिलीट किए गए वीडियो में खास समुदाय (पाकिस्तान के) के खिलाफ भी बोला था। उनका कहना था कि अगर किसी निर्दोष की हत्या कर जन्नत जाने की नियत रखते हो, तो यह तुम्हारी गलतफहमी है। हालांकि, इस दौरान उन्होंने जो शब्द प्रयोग किए थे वे किसी भी प्रकार से उचित नहीं थे।
विवाद बढ़ने के बाद शर्मिष्ठा ने मैच्योरिटी दिखाते हुए पहले वीडियो डिलीट किया था , फिर वीडियो पोस्ट जारी करते हुए माफी मांगी। फिर भी ममता बनर्जी को ‘ममता’ क्यों नहीं दिखा रही हैं? आखिर ममता सरकार एक लड़की को अरेस्ट कर सजा दिलाने की जिद पर क्यों अड़ी हैं? कहीं ममता सरकार अगले साल की विधानसभा चुनाव की तैयारी में तो नहीं हैं? किसी खास समुदाय को खुश करने के लिए ममता सरकार कहीं अति कदम तो नहीं उठा रही हैं? पश्चिम बंगाल में एक खास समुदाय ममता का कोर वोटर है। एक सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर को गिरफ्तार कर, ममता अपनी वफादारी का सबूत देने की फिराक में तो नहीं हैं?
गिरफ्तारी के बाद शर्मिष्ठा को 31 मई को अलीपुर सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया था। पुलिस हिरासत की मांग की गई थी, मगर कोर्ट ने उनकी मांगों को खारिज करते हुए शर्मिष्ठा को 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अगर इसे उनकी कानूनी जीत कहा जाए, तो गलत नहीं होगा। शर्मिष्ठा के वकील मोहम्मद शमीमुद्दीन ने उनका बचाव किया है। अब, इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि शर्मिष्ठा ने इंस्टाग्राम से विवादित वीडियो हटा लिया और एक्स पर माफी मांगी, फिर भी उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। कोर्ट ने उनके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की। कुछ एक्स पोस्ट के अनुसार, शर्मिष्ठा ने कोर्ट में उत्पीड़न का आरोप लगाया और कहा, यह लोकतंत्र नहीं, मजाक है। उन्होंने खुद को घायल शेरनी बताया तक बताया ।
सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने शर्मिष्ठा के समर्थन में इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा, ‘मैं मानती हूं कि शर्मिष्ठा ने कुछ अप्रिय शब्दों का इस्तेमाल किया, लेकिन आजकल ज्यादातर युवा ऐसे शब्दों का उपयोग करते हैं। उन्होंने अपने बयानों के लिए माफी मांगी और यह काफी होना चाहिए। उन्हें और परेशान करने की जरूरत नहीं है। उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए।’बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर हिंदू आवाजों को निशाना बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘महुआ मोइत्रा के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई थी। उन्होंने देवी काली के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। क्या कोई कार्रवाई हुई? टीएमसी सांसद सायोनी घोष ने महादेव के बारे में क्या पोस्ट किया? क्या कोई कार्रवाई हुई? सिर्फ सनातनियों के खिलाफ कार्रवाई होती है। ये तुष्टिकरण की राजनीति है।’बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी ममता बनर्जी पर पाखंड का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘ये केवल बंगाल की बात नहीं है- यह इस बारे में है कि एक युवा हिंदू महिला को वोट बैंक को खुश करने के लिए निशाना बनाया जा रहा है।’
आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने कहा कि शर्मिष्ठा ने अपनी गलती स्वीकारी और माफी मांग ली। उन्होंने टीएमसी पर सनातन धर्म का मजाक उड़ाने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘जब हमारी आस्था को कुछ कहा जाता है, तब आक्रोश कहां था? उन्होंने माफी क्यों नहीं मांगी? उनको तुरंत क्यों गिरफ्तार नहीं किया गया?’
शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी से उठते सवाल
