बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर सियासी हलचल के केंद्र में हैं। राहुल गांधी ने बिहार के मुजफ्फरपुर में एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर ऐसा बयान दे दिया, जिसने चुनावी माहौल को और अधिक गरमा दिया। उनके इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने उन पर धर्म और परंपरा के अपमान का आरोप लगाया है।
राहुल गांधी का नया बयान — “मोदी जी स्टेज पर डांस करने लगेंगे”

मुजफ्फरपुर में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा —
“अगर भीड़ से 200 लोग कहें कि मोदी जी स्टेज पर डांस कीजिए, हम वोट देंगे… तो डांस शुरू हो जाएगा। वो भरतनाट्यम करना शुरू कर देंगे स्टेज पर।”
राहुल गांधी का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। बीजेपी ने इसे न सिर्फ प्रधानमंत्री का अपमान बताया बल्कि छठ पर्व और सनातन धर्म से भी जोड़ दिया।
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बीजेपी का पलटवार — “राहुल गांधी ने सनातन धर्म का अपमान किया”
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा —
“उन्होंने सनातन धर्म का अपमान किया है। छठ पर राहुल गांधी का बयान हिंदुओं और बिहार की आस्था का अपमान है। उन्हें खुद नहीं पता कि वे हिंदू हैं, पारसी हैं या ईसाई, लेकिन अगर वे बिहार की संस्कृति का मज़ाक उड़ाएंगे तो जनता उन्हें जवाब देगी।”
गिरिराज सिंह के इस बयान के बाद बीजेपी के अन्य नेताओं ने भी राहुल गांधी पर छठ पर्व का मज़ाक उड़ाने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का आरोप लगाया।
यह पहली बार नहीं — राहुल गांधी के 7 विवादित बयान
राहुल गांधी का विवादों से पुराना नाता रहा है। वे कई बार ऐसे बयानों के कारण सुर्खियों में रहे हैं, जिनसे न सिर्फ विपक्ष बल्कि अदालत तक को हस्तक्षेप करना पड़ा। नीचे ऐसे 7 विवादित बयानों की सूची दी गई है, जिन्होंने राहुल गांधी की राजनीतिक यात्रा में तूफ़ान खड़ा किया।
1. “सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों?” — 2019 का बयान
2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार में राहुल गांधी ने कहा था —
“सभी चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों होता है?”
इस बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी और एक बीजेपी विधायक ने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया। अदालत ने राहुल गांधी को दोषी ठहराया और दो साल की सजा सुनाई, जिसके चलते उनकी लोकसभा सदस्यता चली गई थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से उन्हें सदस्यता वापस मिली।
2. सावरकर को “अंग्रेजों का नौकर” कहना — 2022
17 नवंबर 2022 को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में वीर सावरकर को लेकर कहा था —
“सावरकर अंग्रेजों के नौकर थे और ब्रिटिश सरकार से पेंशन लेते थे।”
इस बयान के बाद देशभर में हंगामा मच गया। शिवसेना (शिंदे गुट) और सावरकर परिवार ने उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। कोर्ट ने राहुल गांधी को फटकार लगाई और कहा कि अगर उन्होंने फिर ऐसा बयान दिया तो अदालत खुद संज्ञान लेगी।
3. “गौरी लंकेश की हत्या में RSS का हाथ”
पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि RSS से जुड़े लोग इस हत्या में शामिल हैं। इस बयान ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्थकों को नाराज़ कर दिया और कई जगह मानहानि के मुकदमे दर्ज हुए।
4. “हत्या का आरोपी भाजपा प्रमुख अमित शाह”
राहुल गांधी ने एक बार कहा था कि अमित शाह हत्या के आरोपी हैं। उनके इस बयान पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी और कहा कि राहुल गांधी को न्यायालय के फैसले की मर्यादा समझनी चाहिए।
5. “अमित शाह बैंक के निदेशक, काला धन बनाया सफेद”
नोटबंदी के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि अमित शाह जिस बैंक के निदेशक हैं, उसने सबसे ज्यादा पुराने नोट जमा किए और काला धन सफेद किया। भाजपा ने इस बयान को झूठ और भ्रामक बताया था।
6. “RSS ने मुझे मंदिर में नहीं घुसने दिया”
एक अन्य बयान में राहुल गांधी ने कहा था कि उन्हें RSS कार्यकर्ताओं ने मंदिर में घुसने से रोका था। यह बयान भी सोशल मीडिया पर चर्चा में रहा और हिंदू संगठनों ने इस पर विरोध जताया।
7. “महात्मा गांधी की हत्या RSS ने कराई”
राहुल गांधी ने कहा था कि महात्मा गांधी की हत्या RSS ने कराई। इस बयान पर भी मानहानि का मामला दर्ज किया गया था और अदालत ने उन्हें चेतावनी दी थी कि वे बिना प्रमाण ऐसे बयान देने से बचें।
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बिहार चुनाव 2025 में राहुल गांधी का बयान क्यों बना चर्चा का विषय
बिहार में इस समय छठ पर्व का माहौल और चुनावी जोश दोनों अपने चरम पर हैं। ऐसे में राहुल गांधी का “मोदी डांस” बयान धार्मिक और राजनीतिक दोनों दृष्टि से संवेदनशील माना जा रहा है। भाजपा इस बयान को सनातन विरोधी बता रही है, वहीं कांग्रेस का दावा है कि राहुल गांधी ने इसे व्यंग्य के तौर पर कहा था।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ऐसे बयानों से चुनावी नैरेटिव बदल जाता है और विपक्ष को मुद्दा मिल जाता है। बिहार जैसे राज्य में, जहां आस्था और राजनीति दोनों का गहरा संबंध है, राहुल गांधी के इस बयान के राजनीतिक असर पर सभी की नजरें टिकी हैं।
राहुल गांधी के बयान और उनकी राजनीतिक कीमत
राहुल गांधी के बयान अक्सर उनकी राजनीतिक छवि को प्रभावित करते रहे हैं। जहां एक ओर उनके समर्थक इसे स्पष्टवादिता मानते हैं, वहीं विपक्ष इसे अपरिपक्वता बताता है।
बिहार चुनाव के बीच यह नया बयान एक बार फिर साबित करता है कि राहुल गांधी के शब्द — चाहे जानबूझकर हों या सहजता में कहे गए — अक्सर सियासी तूफ़ान का कारण बन जाते हैं।
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