सीतामढ़ी: यह हैरान करने वाला है कि महज पांच करोड़ की राशि की जमानत देने के लिए देश का कोई भी उद्योगपति तैयार नहीं होना चाहता ताकि औद्योगिक रूप से विपन्न बिहार के सीतामढ़ी का रीगा चीनी मिल एक बार फिर से चालू हो सके।
लेकिन, प्रयास जारी हैं और आरंभिक सूचना के अनुसार सीतामढ़ी के रीगा चीनी मिल की चौथी बार 2 सितंबर को नीलामी होगी। इस बार इसकी सुरक्षित जमा राशि 101 करोड़ से घटाकर 86.50 करोड़ रुपएकर दी गई है। रीगा शुगर कंपनी लिमिटेड के लिक्विडेटर (परिसमापक) नीरज जैन ने यह सार्वजनिक सूचना जारी की है।
रीगा मिल चालू कराने का पिछले कई सालों से प्रयास किया जा रहा है। चीनी मिल पर मजदूरों और किसानों का करोड़ों रुपया बकाया है। मिल को चालू कराने के लिए एक नई मुहिम चलाई जा रही है। पोस्टकार्ड के माध्यम से संघ द्वारा अभियान चलाया जा रहा है, ताकि जनप्रतिनिधि का ध्यान आकृष्ट हो और वो सक्षम उद्योगपतियों को इसमें शामिल कर मिल को चालू कराए। मिली जानकारी के अनुसार बोली लगाने वाले को आगामी 16 अगस्त तक 50 लाख रुपए एवं 31 अगस्त की शाम 5 बजे तक 4.30 करोड़ रुपए जमा करना होगा।
नीलामी की प्रक्रिया 2 सितंबर को 12 बजे दिन से शुरू होगी। यह नीलामी प्रक्रिया ऑनलाइन यानी ई – नीलामी होगी। उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व तीन बार नीलामी की प्रक्रिया पूरी की गई थी। इस संबंध में ईख उत्पादक संघ के अध्यक्ष सह ईंख काश्तकार संघ, बिहार के महासचिव नागेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि 1 अगस्त को जारी सूचना के अनुसार नीलामी में भाग लेने वालो को आगामी 16 अगस्त तक 50 लाख रुपए एवं 31 अगस्त की शाम 5 बजे तक 4.30 करोड़ रुपए जमा करना है।
नीलामी की प्रक्रिया 2 सितंबर को 12 बजे दिन से शुरू होगी। पश्चिम बंगाल, गुजरात, बंगलुरू की कंपनियों ने प्रारंभिक राशि डाली है। परंतु, जमानत की पूरी राशि जमा नहीं करने के कारण अंतिम समय में नीलामी की प्रक्रिया रद्द कर दी जाती रही है। पहली नीलामी के समय इसकी कीमत 101 करोड़ रखी गई थी। संघ के अध्यक्ष नागेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा है कि इस नीलामी प्रक्रिया की जानकारी इलाके के दोनों सांसद देवेश चंद्र ठाकुर एवं लवली आनंद को भेज दी गयी है।
उनसे अनुरोध किया गया है कि अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सक्षम उद्योगपतियों को इस नीलामी प्रक्रिया में शामिल करायें ताकि मिल की खरीदारी हो जाए और अगले सीजन में चालू हो सके। उन्होंने किसानों से भी अपील की है कि गृह मंत्री को वादा याद दिलाने के लिए पत्र लिखें। बता दें कि रीगा चीनी मिल चालू नहीं होने के कारण दो जिले के करीब 5 लाख से अधिक परिवार प्रभावित है। नागेंद्र सिंह ने बताया कि इस बार प्रयास किया जा रहा है कि चालू हो जाए। अन्यथा पांचवी बार के बाद इसे टुकड़ों में बेचा जाएगा। उस स्थिति में इस मिल का चालू होना असंभव हो जायेगा। इसको लेकर एक अभियान चलाया जा रहा है। सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए हजारों किसान पोस्ट कार्ड भेज रहे हैं। ताकि, केंद्र और राज्य सरकार विशेष रूप से ध्यान देकर इस पर विचार करे और मिल को चालू करवा सके।