रोहतास की काव नदी को किया जायेगा पुनर्जीवित: सात करोड़ रूपये खर्च कर जल धारा को दी जाएगी सही दिशा

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रोहतास: रोहतास जिले की लाइफलाइन कहे जाने वाली काव नदी के खत्म होते अस्तित्व को बचाने के लिए सरकार ने पहल शुरू कर दी है. अतिक्रमण और उपेक्षा के कारण नदी से सिमट कर नाले में तब्दील हो चुकी इस नदी को फिर से जीवनदान देने को लेकर सात करोड़ रूपये से अधिक की राशि खर्च की जाएगी. इस योजना से काव नदी का प्राचीन स्वरुप वापस लाया जायेगा. इस नदी की धार को सही दिशा में मोड़ने और जल प्रवाह को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग ने बिक्रमगंज के बाजितपुर में नए पुल के निर्माण की अनुशंसा भेजी है.यहां नया पुल बन जाने से नदी की धार सही दिशा में हो जाएगी और जल का प्रवाह भी तेज हो जायेगा. रोहतास जिला प्रशासन डीपीआर तैयार कर रहा है और डीपीआर तैयार होते ही जल्द ही इस पुल के निर्माण के लिए टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाएगी. इस परियोजना के पूरा हो जाने से काव नदी के आस पास के इलाकों में जल स्तर बढ़ेगा और बड़े भूभाग पर खेती की राह भी आसान हो जाएगी.

ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार ने बताया कि काव नदी को पुनर्जीवित करने और इसकी धारा को सही दिशा में करने के लिए बाजितपुर में पुल निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

यह नदी रोहतास जिले के सासाराम स्थित कैमूर की पहाड़ी के धुआं कुंड से निकलने के बाद धौडाढ़, जमुहार, बिक्रमगंज, दावथ, मलियाबाग, नावानगर, सिकरौल और डुमरांव होते हुए कोकिला ताल में मिलती है. कोकिला ताल से आगे बढ़ने के बाद यही नदी फिर आगे गंगा नदी में समाहित हो जाती है.
सरकार द्वारा सात करोड़ रूपये की लागत से काव नदी का अस्तित्व बचाने के लिए शुरू की गई पहल से रोहतास जिले के लोगों में खुशी की लहर है.

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