गौशाला से समाहरणालय तक निकली भव्य रैली – डेढ़ हजार कार्यकर्ताओं ने दिखाया भाजपा का जनबल
शुक्रवार को भागलपुर विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार रोहित पांडे ने अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन से पहले गौशाला परिसर से शुरू हुई उनकी भव्य रैली ने पूरे शहर का माहौल चुनावी रंग में रंग दिया।
रैली में डेढ़ हजार से अधिक कार्यकर्ता और समर्थक शामिल हुए, जो बैंड-बाजे, भगवा झंडे और ढोल-नगाड़ों के साथ नारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे —
“फिर एक बार मोदी सरकार!” और “भागलपुर मांगे रोहित पांडे!”
यह रैली गौशाला से निकलकर स्टेशन चौक, खलीफाबाग और तिलकामांझी होते हुए समाहरणालय परिसर तक पहुंची, जहां पांडे ने औपचारिक रूप से नामांकन दाखिल किया।
रैली के दौरान शहर में उत्साह और जोश साफ दिखा। कार्यकर्ताओं ने कई स्थानों पर नुक्कड़ नाटक और जनसंपर्क कार्यक्रमों का आयोजन किया, जिनमें भाजपा सरकार के विकास कार्यों और केंद्र की योजनाओं को लोगों के सामने पेश किया गया।
भाजपा कार्यकर्ताओं का उत्साह चरम पर – जनसंपर्क से लेकर नुक्कड़ नाटक तक छाया ‘विकास’ का संदेश

पूरी रैली के दौरान भाजपा के कार्यकर्ताओं में जबरदस्त जोश देखने को मिला। शहर के प्रमुख चौराहों पर उन्होंने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से केंद्र सरकार की योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना और आयुष्मान भारत जैसी नीतियों की झलक दिखाई।
रैली में भाजपा के जिलाध्यक्ष, महिला मोर्चा और युवा मोर्चा के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल थे।
जगह-जगह कार्यकर्ताओं ने ‘जय श्रीराम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाकर माहौल को ऊर्जावान बनाया।
कार्यक्रम के अंत में सभी कार्यकर्ताओं ने विजय का संकल्प लेते हुए कहा —
“2025 में भागलपुर से भाजपा की विजय तय है!”
नामांकन के बाद रोहित पांडे का बयान — “यह चुनाव जाति नहीं, विकास और सुशासन पर होगा”
नामांकन दाखिल करने के बाद मीडिया से बात करते हुए रोहित पांडे ने कहा,
“भागलपुर की जनता भाजपा के साथ है। यह चुनाव जाति नहीं, विकास और सुशासन पर होगा। भाजपा भारी मतों से जीत दर्ज करेगी। हम भागलपुर परिवार की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे।”
उनका यह बयान न केवल आत्मविश्वास से भरा था बल्कि जनता के विकासमूलक एजेंडे पर केंद्रित भी था।
पांडे ने साफ किया कि भाजपा का लक्ष्य संपूर्ण विकास है, और भागलपुर को एक मॉडल शहर बनाना पार्टी की प्राथमिकता है।
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जातीय समीकरण और पिछली चुनावी तस्वीर – कांटे की टक्कर फिर तय
भागलपुर विधानसभा सीट का समीकरण हमेशा से दिलचस्प रहा है।
यहां ब्राह्मण, वैश्य, यादव और मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
2015 और 2020 के चुनावों में यहां मुकाबला भाजपा और महागठबंधन के बीच कांटे का रहा था।
इस बार भाजपा ने ब्राह्मण चेहरे रोहित पांडे पर दांव लगाया है, जो शहर के ऊपरी तबकों में मजबूत पकड़ रखते हैं।
वहीं, महागठबंधन की ओर से पिछड़ी जातियों पर फोकस बढ़ा है।
इससे यह चुनावी मैदान पहले से भी ज्यादा दिलचस्प हो गया है।
जनता में ‘रोहित पांडे’ की स्वीकार्यता – ऊपरी तबकों में मजबूत पकड़, युवाओं में लोकप्रियता
भागलपुर में भाजपा के इस नए उम्मीदवार को लेकर उत्साह साफ दिखाई दे रहा है।
रोहित पांडे को शहर के शिक्षित वर्ग, व्यवसायियों और युवाओं का समर्थन प्राप्त है।
उनकी रैली में बड़ी संख्या में युवा शामिल हुए, जो ‘फिर एक बार मोदी सरकार’ और ‘विकास के लिए वोट दो’ जैसे नारे लगा रहे थे।
रैली के दौरान जिस तरह से जनता का उत्साह और समर्थन दिखा, उसने यह स्पष्ट संकेत दिया कि भाजपा का जनाधार यहां लगातार बढ़ रहा है।
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विकास बनाम समीकरण का मुकाबला तय, भाजपा ने दिखाया संगठन की ताकत
भागलपुर की रैली और नामांकन शो ने यह साबित कर दिया कि भाजपा ने चुनावी रणभूमि में संगठन की ताकत दिखा दी है।
रोहित पांडे के नामांकन ने न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरी, बल्कि यह संदेश भी दिया कि भाजपा इस बार “विकास और सुशासन” के एजेंडे के साथ मजबूती से मैदान में है।
भागलपुर अब तैयार है — विकास की नई कहानी लिखने के लिए।
और इस कहानी के केंद्र में हैं – रोहित पांडे।
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