पटनाः विजयादशमी के मौके पर पटना के इतिहासिक गांधी मैदान में रावण के पुतला दहन किया गया। बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस दिन अच्छाई की जीत के रूप में देश भर में होता है। इसी कड़ी में पटना के गांधी मैदान में लगातार 69वें वर्ष रावण दहन संपन्न हुआ। रावण के पुतला दहन के पहले मेघनाद और कुंभकरण की पुतले का दहन किया गया। दशहरा पूजा कमेटी की ओर से इस बार पुतलों की ऊंचाई 10 फीट तक बढ़ाई गई। इस बार 80 फीट ऊंचे रावण, 75 फीट ऊंचे मेघनाद और 70 फीट ऊंचे कुंभकरण के पुतलों का दहन किया गया। सबसे पहले कुंभकरण का पुतला दहन हुआ, उसके बाद मेघनाद और फिर रावण का दहन हुआ।
इससे पहले शाम 4:00 कदमकुआं स्थित नागा बाबा ठाकुरबाड़ी से भगवान राम की सेना की शोभायात्रा निकली जो 5:00 बजे गांधी मैदान पहुंची। भगवान राम की सेना गेट नंबर 1 से गांधी मैदान में पहुंची। जिसके बाद मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने श्री राम सेना की आरती उतार उनका अभिनंदन किया। फिर इसके बाद हनुमान जी गांधी मैदान में तैयार किए गए सोने की लंका के स्वरूप में जाकर लंका का विध्वंस किए। फिर श्री राम सेना ने रावण की टोली का संहार किया।
रावण दहन कार्यक्रम को लेकर पटना जिला प्रशासन की ओर से पूरे गांधी मैदान को 4 सेक्टर में बांटकर वरीय पदाधिकारियों के नेतृत्व में सभी व्यवस्था की गई है. अस्थायी थाना, तीन नियंत्रण कक्ष और 13 वॉच टावर से पूरे परिसर पर नजर प्रशासन ने नजर बनाए रखा और बाइक दस्ता गांधी मैदान में लगातार भ्रमणशील रहा. इसके अलावा 03 क्यूआरटी टीम भी सक्रिय रही. 136 एलईडी मेटल लाइट, 229 पोल लाइट और 20 हाईमास्ट लाइट से गांधी मैदान एवं उसके चारों ओर प्रकाश की उत्कृष्ट व्यवस्था की गई. वहीं पूरे रावण दहन कार्यक्रम का 128 सीसीटीवी कैमरे से मॉनिटरिंग की गई।
गांधी मैदान का रावण दहन कार्यक्रम देश भर में चर्चित है. लगातार 69 वर्षों से यह रावण दहन होते आ रहा है. भारत के टॉप 10 वध के कार्यक्रम में यह शामिल है. यह कार्यक्रम रामलीला कार्यक्रम का हिस्सा है और रामलीला कार्यक्रम नागा बाबा ठाकुरबाड़ी में चलता है. 13 दिनों का रामलीला कार्यक्रम चलता है, जिसमें आज रावण दहन के बाद कल 13 अक्टूबर को नागाबाबा ठाकुरबाड़ी में भरत मिलाप होगा और रामलीला कार्यक्रम का समापन होगा।
1955 में पहली बार गांधी मैदान में पाकिस्तान से आए हुए सिख विस्थापितों ने पटना के व्यावसायिक वर्ग के साथ मिलकर रावण दहन कार्यक्रम शुरू किया था. इसके बाद से गांधी मैदान में लगातार रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन चल रहा है. साल 2008 में रामलीला कमेटी ट्रस्ट का बिहार सरकार में रजिस्ट्रेशन हुआ जिसके बाद से लगातार ट्रस्ट के माध्यम से गांधी मैदान में रावण दहन कार्यक्रम चल रहा है।
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