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समस्तीपुर:
समस्तीपुर को लेकर सांसद शांभवी के बयान पर आलोचना हो रही है। शांभवी ने कहा था कि मैंने जब समस्तीपुर के बारे में पार्लियामेंट में बात रखी तब लोग जानने लगे कि समस्तीपुर कहां है। नहीं तो लोगों को तो यह भी पता नहीं था कि मानचित्र में समस्तीपुर कहां है।

इसी पर भाकपा माले के वरीय नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि समस्तीपुर की धरती जननायक कर्पूरी ठाकुर, बाबू सत्यनारायण सिंह, विशिष्ट बाबू, बलिराम भगत की धरती रही है। समस्तीपुर की सांसद शांभवी महामानव महाज्ञानी हैं जिन्होंने समस्तीपुर की खोज की है। मोदी सरकार उन्हें भारत रत्न दे और समस्तीपुर का नाम शांभवीपुर रख दिया जाए।

वहीं, विभूतिपुर से माकपा के विधायक अजय कुमार ने कहा कि समस्तीपुर की पहचान के बारे में शांभवी का कहना कि मेरी वजह से समस्तीपुर को पहचान मिली। ये ठीक उसी तरह से है जिस तरह से जहां मुर्गा नहीं वहां विहान नहीं होगा।

यहां की पहचान तो रेल कारखाना, कृषि विद्यालय, चीनी कारोबार, जूट कारोबार से है। इसका श्रेय किसी को जाता है तो रेल कारखाना के लिए माननीय पूर्व मंत्री स्व. एलएन मिश्रा और जननायक कर्पूरी ठाकुर को जाता है। जिनके कार्यकाल में समस्तीपुर का विकास हुआ। गन्ना की खेती हुई।

राजद के विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने कहा कि सांसद के बयान में अज्ञानता का भाव दिख रहा है। उन्हें पता होना चाहिए था कि समस्तीपुर जननायक कर्पूरी ठाकुर की धरती रही है। कोई भी राजनीतिक दल के नेता जब यहां पहुंचते हैं तो अपने भाषण की शुरुआत कर्पूरी की धरती को नमन करते हुए करते हैं। एशिया में सबसे उपजाऊ सहरसा की धरती है। सांसद के बयान में बड़बोला पन दिख रहा है।

कांग्रेस जिला अध्यक्ष अबू तमीम ने कहा कि समस्तीपुर आने से पहले शांभवी को कौन जानता था। जननायक कर्पूरी ठाकुर, बलिराम भगत, सत्यनारायण सिंह, विशिष्ट बाबू जैसे महान सपूतों के नाम से समस्तीपुर को लोग जानते हैं। समस्तीपुर किसी के परिचय का मोहताज नहीं है।

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