बिहार की नई सरकार के गठन के साथ ही राज्य की राजनीति और प्रशासन में एक बड़ा बदलाव सामने आया है। पहली बार गृह विभाग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों से निकलकर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी को सौंपा गया है। गृह विभाग राज्य का सबसे प्रभावी और सबसे संवेदनशील मंत्रालय माना जाता है, और ऐसे में सम्राट चौधरी के शुरुआती बयान ने पूरे बिहार में राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है।
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि “अब अपराधियों की बिहार में खैर नहीं है। जो अपराध करेंगे, उन्हें राज्य छोड़ना पड़ेगा।”
- सम्राट चौधरी का पहला बड़ा बयान: अपराधियों को सीधी चेतावनी
- सुशासन मॉडल पर सम्राट चौधरी का भरोसा
- नीतीश कुमार के मार्गदर्शन पर सम्राट का बयान
- 20 साल बाद गृह विभाग सीएम से बाहर — 2025 में बड़ा बदलाव
- सम्राट चौधरी के बयान का राजनीतिक महत्व
- अब अपराधियों के लिए ‘कठोर’ शासन का संकेत
- बिहार की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत
सम्राट चौधरी का पहला बड़ा बयान: अपराधियों को सीधी चेतावनी
बिहार के नए गृह मंत्री के रूप में पदभार संभालते ही सम्राट चौधरी ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर अपनी प्राथमिकता स्पष्ट कर दी है। पत्रकारों ने उनसे योगी मॉडल लागू किए जाने को लेकर सवाल पूछा, जिस पर उन्होंने बेहद सख्त अंदाज़ में कहा—
“अपराधियों को बिहार से बाहर जाना होगा। यहाँ अपराधियों की कोई जगह नहीं बची है।”
उन्होंने आगे कहा कि बिहार में पहले से ही सुशासन की मजबूत व्यवस्था मौजूद है, और अब इस व्यवस्था को और प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा। नए गृह मंत्री का यह बयान साफ संकेत देता है कि आने वाले दिनों में राज्य में अपराध के खिलाफ और कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
सुशासन मॉडल पर सम्राट चौधरी का भरोसा
सम्राट चौधरी ने अपने बयान में कई बार “सुशासन” शब्द का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा—
“बिहार में सुशासन की सरकार है। यह व्यवस्था पहले से खड़ी है जिसने अपराध और जंगलराज को समाप्त किया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि सुशासन की वही परंपरा आगे भी जारी रहेगी।
यह बयान नीतीश कुमार के शासन मॉडल को दोहराता हुआ माना जा रहा है, जिसके तहत अपराध और अराजकता पर नियंत्रण की बात वर्षों से होती रही है।
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नीतीश कुमार के मार्गदर्शन पर सम्राट का बयान

नए गृह मंत्री ने नीतीश कुमार के नेतृत्व और उनके प्रशासनिक अनुभव पर भी भरोसा जताया। उन्होंने कहा—
“भाजपा के नेतृत्व और नीतीश कुमार के निर्देशन ने मुझे गृह मंत्री के तौर पर काम करने का अवसर दिया है।”
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार ने लगातार बिहार में सुशासन स्थापित किया है और आने वाले दिनों में भी उनकी मार्गदर्शन में सुशासन की व्यवस्था कायम रहेगी।
यह बयान दर्शाता है कि गृह विभाग भले ही अब भाजपा के पास है, लेकिन उसकी मूल कार्यशैली नीतीश कुमार के प्रशासनिक ढांचे के अनुरूप ही चलती रहेगी।
20 साल बाद गृह विभाग सीएम से बाहर — 2025 में बड़ा बदलाव
इस खबर का सबसे बड़ा राजनीतिक पक्ष यह है कि गृह विभाग 20 वर्षों में पहली बार मुख्यमंत्री के पास नहीं है।
इतिहास में ऐसा केवल तीन बार हुआ है—
◼ 1967
◼ 1971
◼ और अब 2025
पिछले दो दशकों से गृह मंत्रालय नीतीश कुमार के पास था। इसलिए इसे राज्य की “कमान” कहा जाता रहा है।
अब इस मंत्रालय का जिम्मा सम्राट चौधरी को देकर राजनीति का नया संदेश दिया गया है।
यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि गृह विभाग में पुलिस, सुरक्षा, खुफिया एजेंसियाँ और संपूर्ण कानून-व्यवस्था आती है। इससे स्पष्ट है कि सम्राट चौधरी अब बिहार की प्रशासनिक संरचना में एक प्रमुख शक्ति-केंद्र बनकर उभरेंगे।
सम्राट चौधरी के बयान का राजनीतिक महत्व
सम्राट चौधरी के बयान में दो चीजें सबसे ज़्यादा उभरकर सामने आती हैं—
(1) अपराध पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति
(2) भाजपा-नीतीश के सत्ता समीकरण में नया अध्याय
उनका यह बयान सरकार की आगे की दिशा तय करता दिख रहा है।
बिहार की राजनीति में लंबे समय से कानून-व्यवस्था बड़ा मुद्दा रहा है, और नए गृह मंत्री ने शुरुआत में ही कड़ा संदेश देकर स्पष्ट कर दिया है कि उनकी प्राथमिकता किसी भी तरह से कानून-व्यवस्था को लचीला होने नहीं देना है।
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अब अपराधियों के लिए ‘कठोर’ शासन का संकेत
सम्राट चौधरी द्वारा कहा गया कि अपराधियों को “बिहार से बाहर जाना होगा”, यह बयान न केवल चेतावनी है बल्कि यह भविष्य की कार्यशैली का भी संकेत है।
उनका यह रुख बताता है कि अब बिहार में—
◼ पुलिस की कार्रवाई तेज होगी
◼ अपराधियों पर दबाव बढ़ेगा
◼ कानून-व्यवस्था पर सरकार अधिक सख्त रुख अपनाएगी
राजनीतिक रूप से इसका असर भाजपा की छवि पर भी पड़ेगा, क्योंकि गृह विभाग का नेतृत्व पहली बार भाजपा के पास आया है।
बिहार की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत
साफ है कि सम्राट चौधरी के इस बयान ने बिहार की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है।
नई सरकार में गृह विभाग का भाजपा को मिलना ही एक बड़ा फैसला था, और अब नए गृह मंत्री के सख्त बयान ने आने वाले समय में और भी बड़े बदलावों का संकेत दे दिया है।
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