केके पाठक और एस सिद्धार्थ की फाइल तस्वीर
- Advertisement -

पटनाः बिहार में शिक्षा के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (K.K. Pathak) ने जब पदभार संभाला था, उसके बाद शिक्षा में लगातार सुधार के कई कदम उठाये थे। अलग-अलग जिलों में जाकर स्कूल को खुद से निरीक्षण करते थे, लेकिन 3 जून के बाद केके पाठक छुट्टी पर चले गए। इसके बाद शिक्षा विभाग के नए अपर मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण करने के साथ ही एस. सिद्धार्थ ने केके पाठक के फैसलों को पलटना शुरू कर दिया है। बुधवार को विश्वविद्यालयों (University) के कुलपतियों के साथ बैठक के बाद एस सिद्धार्थ ने जहां यूनिवर्सिटी के खातों पर लगे बैन को हटा दिया। वहीं उन्होंने केके पाठक के एक और फैसले को पलट दिया है।

अनुपस्थित रहने पर नाम काटने का था फरमान

शिक्षा विभाग के तत्कालीन एसीएस केके पाठक ने सख्त आदेश जारी किया था कि जो बच्चे बिना किसी सूचना के तीन दिन या उससे अधिक स्कूल से अनुपस्थित रहेंगे उनका नाम स्कूल से काट दिया जाएगा। केके पाठक के इस आदेश पर बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों बच्चों का नाम काट दिया गया था। लेकिन केके पाठक के छुट्टी पर जाने के बाद अब शिक्षा विभाग के नए एसीएस एस.सिद्धार्थ ने पाठक के उस आदेश को पलट दिया है। बिहार के सरकारी स्कूलों में अब तीन दिन या उससे अधिक दिनों तक अनुपस्थित रहने वाले छात्र-छात्राओं का नाम नहीं काटा जाएगा। अपर मुख्य सचिव एस.सिद्धार्थ ने इसको लेकर सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश जारी किया है।

अभिभावकों को प्रेरित करने का निर्देश

शिक्षा विभाग ने जिलों को निर्देश दिया है कि किसी भी कारण से जो बच्चे स्कूल नियमित रूप से नहीं आ रहे हैं उनका नाम नहीं काटा जाए। अगर किसी कारण से बच्चा स्कूल नहीं आ रहे है तो शिक्षक, हेडमास्टर और टोला सेवक बच्चे के घर जाकर उसके अभिभावक से मिलें और बच्चे को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करें।

ये भी पढ़ें…गरीब बच्चों का सपना पूरा कर रहा ‘अवसर’ IIT में चयनित अभ्यर्थियों को RK सिन्हा ने किया सम्मानित

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here