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आखिरकार बिहार चुनावों को लेकर महागठबंधन मूें सहमति बन ही गई। आज मीडिया के सामने महागठबंधन ने अपने घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर घोषणा कर दी। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन ने आज सीट शेयरिंग का ऐलान कर दिया। 3 अक्टूबर को पटना पटना के मौर्या होटल में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बारे में जानकारी दी गई। महारगठबंधन के नेताओं ने जानकारी दी कि चुनाव में 243 सीटों में से 144 पर राष्ट्रीय जनता दल, 70 पर कांग्रेस और 29 सीटों पर लेफ्ट पार्टियां चुनाव लड़ेगी।

इस दौरान कांग्रेस स्क्रीनिंग कमिटी के चेयरमैन अविनाश पांडे ने मीडिया के सामने बताया कि 2015 के चुनाव के दौरान बिहार की जनता ने महागठबंधन को भारी बहुमत दिया था। हालांकि कुछ ही समय बाद नीतीश कुमार ने जनता द्वारा चुनी गई सरकार को त्यागकर किसी और से हाथ मिला लिया। बिहार की जनता उन्हें इस बार माफ नहीं करने वाली है। वहीं उन्होंने केंद्र सरकार को कृषि बिल को तुगलकी फरमान जैसा बता दिया।

बड़ी बात यह रही कि बकलतक जो कांग्रेस तेजस्वी के नतृत्व को लेकर आनाकानी कर रही थी वो ही आज तेजस्वी की तारीफ करती हुई दिखाई दी। अविनाश पांडे ने मीडिया के सामने तेजस्वी यादव की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि 2015 के चुनाव में बिहार की युवा जनता ने तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम के रूप में काम करते हुए देखा और उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा कि बिहार देश का सबसे युवा राज्यों में एक है। ऐसे में यहां कि जनता के लिए एक युवा नेतृत्व की जरूरत है।

इस प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, जगदानंद सिंह और मनोज कुमार झा इस दौरान मौजूद थे। कांग्रेस की तरफ से अविनाश पांडे, सीपीआई एमएल से दीपंकर भट्टाचार्य और विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी सहित तमाम नेता इस मौके पर उपस्थित थे। पटना के मौर्या होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थी।

एनडीए में अभी बातचीत जारी है
महागठबंधन ने जहां सीटों को लेकर अपना पत्ता खोल दिया तो वहीं एनडीए में फिलहाल पेंच फंसा ही हुआ है। सीटों का फॉर्मूला तय करने के लिए बुधवार की रात पटना पहुंचे बिहार भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव और चुनाव प्रभारी देवेंद्र फणडवीस शुक्रवार की शाम दिल्ली लौट गए। इस दौरान उनकी बातचीत जदयू नेतृत्व से नहीं हुई। पटना में वे दोनों अपने ही दल के नेताओं से बातचीत करते रहे। कोई फॉर्मूला नहीं निकलता देख दोनों दिल्ली लौट गए। वैसे भाजपा और जदयू दोनों तरफ से ये दावे किया जा रहे हैं कि एनडीए एकजुट है और सीट बंटवारे के फॉर्मूले को जल्द अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

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