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लाइव बिहार: बिहार की सत्ता में पिछले 15 साल से काबिज जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव सबसे अहम माना जा रहा है। ऐसे में जब बिहार चुनाव का पहला चरण बीत गया है तो सबकी निगाहें दूसरे चरण पर हैं। 3 नवम्बर को बिहार चुनाव 2020 को लेकर दूसरे चरण का मतदान होगा। जिस तरह से दूसरा चरण का मतदान राजद के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है वैसे ही जदयू के लिए भी दूसरा चरण परीक्षा की घड़ी है। एनडीए के ओर से जदयू के सबसे ज्यादा उम्मीदवार उतर रहे हैं ऐसे में सीटिंग सीट बचाना के लिए दूसरा चरण महत्वपूर्ण है।

प्रदेश जदयू अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह की माने तो पहले चरण में बिहार के मतदाताओं के रुख से हम उत्साहित हैं। दूसरा चरण हमारे लिए स्वाभाविक रूप से मजबूती लेकर आएगा। गौर करनेवाली बात है कि एनडीए गठबंधन के तहत जदयू को 115 सीटें मिली हैं। पहले चरण में जदयू के 35 प्रत्याशी मैदान में थे। वहीं दूसरे चरण में दल ने सबसे अधिक 43 उम्मीदवार उतारे हैं। शेष 37 प्रत्याशी तीसरे चरण में में हैं। इनमें कई पुराने दिग्गज नेताओं की अगली पीढ़ी मैदान में है, यानि जदयू ने बड़ी संख्या में नए लड़ाकों पर जदयू दांव खेला है।

सीटिंग सीट बचाने की बड़ी चुनौती
2015 के चुनाव में जदयू राजद के साथ महागठबंधन था और उसने वैसी 30 सीटों पर जीत पायी थी, जिनपर दूसरे चरण के तहत 3 नवम्बर को वोटिंग होनी है। जदयू के लिए इन सीटिंग सीटों को बचाना और शेष सीटों पर बेहतर प्रदर्शन करने की चुनौती है। इस दल की सीटिंग सीटों में शिवहर, बेलसंड, फुलपरास, कुशेश्वरस्थान, बेनीपुर, हायाघाट, कुचायकोट, हथुआ, जीरादेई, बरहरिया, महाराजगंज, एकमा, वैशाली, महनार, विभूतिपुर, हसनपुर, चेरियाबरियारपुर, तेघड़ा, मटिहानी, नाथनगर, अस्थावां, राजगीर, इस्लामपुर, नालंदा, हरनौत और फुलवारीशरील शामिल हैं।

19 नए प्रत्याशी को जदयू ने मैदान में उतारा है
दूसरे चरण में जदयू के दो मंत्रियों की किस्मत का फैसला होना है। नालंदा सीट से श्रवण कुमार जबकि हथुआ से रामसेवक सिंह मैदान में हैं। इसके अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी के पुत्र फराज फातमी, हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य के पुत्र कौशल किशोर भी मैदान में हैं। जदयू ने दूसरे चरण की अपनी 43 सीटों में से 19 पर नए प्रत्याशी उतारकर एक बड़ा दांव खेला है। इनमें केसरिया से पूर्व सांसद कमला मिश्र मधुकर की पुत्री शालिनी मिश्रा, रून्नीसैदपुर से पंकज मिश्रा, फुलपरास से शीला मंडल, बेनीपुर से अजय चौधरी, मीनापुर से मनोज कुमार, कांटी से मो. जमाल, भोरे से सुनील कुमार, जीरादेई से कमला कुशवाहा, रघुनाथपुर से राजेश्वर चौहान, एकमा से धूमल सिंह की पत्नी सीता देवी, मांझी से माधवी सिंह, मढ़ौरा से अफ्ताफ राजू, वैशाली से सिद्धार्थ पटेल, राजापाकड़ से महेन्द्र राम, साहेबपुर कमाल से शशिकांत कुमार, अलौली से साधना सदा, परबत्ता से डा. संजीव कुमार सिंह, राजगीर से कौशल किशोर और हिलसा से कृष्ण मुरारी शरण पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

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