बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल मची हुई है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी अपनी ‘सीमांचल न्याय यात्रा’ के दौरान पूर्णिया पहुंचे और यहां उन्होंने हाल ही में चर्चा में रहे ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी। ओवैसी ने साफ शब्दों में कहा कि धर्म और आस्था का सम्मान करना किसी भी तरह से अपराध या राष्ट्र-विरोधी नहीं है। उनका मानना है कि इसमें किसी भी तरह की एंटी-नेशनल भावना नहीं है और यह केवल व्यक्तिगत आस्था का मामला है।
ओवैसी ने कहा, “इसमें आखिर कौन-सी एंटी-नेशनल बात है? धर्म और आस्था का सम्मान करना कोई अपराध नहीं।” उनका यह बयान बिहार में राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया। सीमांचल न्याय यात्रा के दौरान ओवैसी लगातार विभिन्न मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रख रहे हैं, जिससे राज्य की राजनीति में तेजी से गर्माहट आ रही है।
गिरिराज सिंह का पलटवार
वहीं, केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह ने इस विवाद पर विपक्ष पर तीखा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी, ओवैसी और मुफ्ती जैसे नेता देश में लोगों को भड़काकर गृह युद्ध जैसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं। गिरिराज सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि लेह में हुई हालिया घटना और ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद दोनों ही विपक्ष की ही योजना का हिस्सा हैं।
उन्होंने मुस्लिम समाज से अपील करते हुए कहा कि ओवैसी जैसे नेताओं को लोगों को भड़काने के बजाय सामाजिक समरसता पर ध्यान देना चाहिए। गिरिराज सिंह ने कहा, “राहुल गांधी न केवल देश में आगजनी कर रहे हैं बल्कि विदेशी अखबारों के साथ मिलकर भारत को बदनाम करने का काम भी कर रहे हैं।”
ओवैसी का राजनीतिक बयान
ओवैसी ने इस अवसर पर महागठबंधन और तेजस्वी यादव को भी निशाना बनाया। उन्होंने बताया कि महागठबंधन में शामिल होने के लिए उन्होंने लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखा था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इस पर उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “याद रखिए, मोहब्बत कभी एकतरफा नहीं होती।”
इसके अलावा, ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला और बांग्लादेश के मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को सीमांचल में हालात का सही अंदाजा नहीं है और वहां केवल घुसपैठियों की समस्या नहीं है।
राजनीतिक माहौल और प्रतिक्रियाएँ
ओवैसी की यह टिप्पणी और गिरिराज सिंह का पलटवार बिहार में चुनावी राजनीति को और गर्मा रहे हैं। सीमांचल क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय की संवेदनशीलता और विपक्ष की रणनीति अब राजनीतिक बहस का केंद्र बन गई है।
विश्लेषकों का कहना है कि ओवैसी का यह बयान उन्हें सीमांचल में मजबूत स्थिति देने के साथ-साथ बिहार के चुनावी मैदान में एक नया मुद्दा खड़ा कर सकता है। वहीं, गिरिराज सिंह का आरोप विपक्ष पर तीखा हमला और सामाजिक समरसता की अपील भाजपा की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है।
सीमांचल न्याय यात्रा के दौरान ओवैसी ने स्पष्ट कर दिया कि धर्म और आस्था का सम्मान हर नागरिक का अधिकार है और इसमें किसी भी तरह का राष्ट्र-विरोधी तत्व नहीं है। वहीं, भाजपा नेताओं के तीखे आरोप और विपक्ष की प्रतिक्रियाएँ राज्य की राजनीतिक सरगर्मी को बढ़ा रही हैं। यह विवाद न केवल बिहार की राजनीति में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
ओवैसी और गिरिराज सिंह के बयानों के बाद अब यह देखना रोचक होगा कि आगामी दिनों में बिहार की राजनीति पर इसका क्या असर पड़ेगा और सीमांचल में जनता का रुख किस दिशा में जाएगा।