फिर जागी सीनियर सिटीजन की उम्मीदें: अशोक भाटिया

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Ashok Bhatia

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को लोकसभा में यूनियन बजट पेश करेंगी। पिछले बजट में सीनियर सिटीजंस के लिए कोई बड़ा ऐलान नहीं किया गया था। इसलिए सीनियर सिटीजंस को आने वाले बजट से ज्यादा उम्मीदें हैं। वित्तमंत्री सीतारमण ने 2025 के बजट पर काम शुरू कर दिया है। सीनियर सिटीजन ने अपनी तकलीफों व मांग पर मंत्री का ध्यान आकृष्ट करना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स से मुलाकात के दौरान बजट के लिए उनकी राय और सुझाव लिए।

इस बैठक में निर्मला सीतारमण, नीति आयोग के वाइस चेयरमैन सुमन बेरी, नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमनियम, मुख्य आर्थिक सहालकार अनंत नागेश्वरन और दूसरे जाने-माने अर्थशास्त्री मौजूद थे। दुःख इस बात का है कि ऐसी बैठकों में सीनियर सिटीजन की दुःख, तकलीफों व राय जानने के लिए नहीं बुलाया जाता।

इनकम टैक्स क़ानून के अनुसार, सीनियर सिटिज़न्स को दो समूहों में बांटा गया है – सीनियर सिटिज़न्स और सुपर सीनियर सिटिज़न्स। इनमें से प्रत्येक समूह के लिए टैक्स सम्बन्धी क़ानून भी अलग-अलग हैं। सीनियर सिटिज़न्स यानी 60 से 80 साल की उम्र के लोगों के लिए 3 लाख रुपये की इनकम तक टैक्स माफ़ है। सुपर सीनियर सिटिज़न्स यानी 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए 5 लाख रुपये की इनकम तक टैक्स माफ़ है। रिटायर्ड लोग चाहते हैं कि यह अंतर ख़त्म हो जाए क्योंकि कई लोगों के पास, पेंशन और इन्वेस्टमेंट को छोड़कर इनकम का कोई अन्य साधन नहीं है। उनका मानना है कि सबके लिए 5 लाख रुपये की छूट सीमा तय की जानी चाहिए ताकि सभी सीनियर सिटिज़न्स पर टैक्स का बोझ कम हो सके।

सीनियर सिटीजंस को उम्मीद है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर डिडक्शन बढ़ा सकती हैं। अभी 60 साल और इससे ज्यादा उम्र के लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर सालाना 50,000 रुपये डिडक्शन दी जाती है। बुजुर्गों का कहना है कि पिछले कुछ सालों में खासकर कोविड की महामारी के बाद हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम काफी बढ़ गया है। इसलिए सरकार को 50,000 रुपये के डिडक्शन को बढ़ाकर कम से कम एक लाख रुपये कर देना चाहिए। इससे उन पर टैक्स का बोझ घटेगा।

सीनियर सिटिज़न्स की आय सीमित और अक्सर निश्चित होने के कारण, बढ़ती महंगाई के कारण सीधे तौर पर उनकी खरीदने की ताकत कम हो सकती है। उनके पास महंगाई से लड़ने के लिए कोई तरीका नहीं होता है। इसलिए, सरकार उन्हें अधिक से अधिक, महंगाई को मात देने वाले सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस देने के बारे में सोच सकती है। वर्तमान में, सीनियर सिटिज़न्स सेविंग्स स्कीम में 30 लाख रुपये तक इन्वेस्ट किया जा सकता है जिस पर 8.2 % प्रति वर्ष की दर से सुनिश्चित रिटर्न मिलता है। सरकार इस सीमा को बढ़ाने, ज्यादा रेट ऑफ़ रिटर्न देने और एक कम लॉक-इन फिक्स करने के बारे में सोचना चाहिए।

सीनियर सिटीजन की मांग है कि उन्हें चालू ब्याज से 2 प्रतिशन अतिरिक्त ब्याज मिलना चाहिए । ज्यादातर बैंक सीनियर सिटीजन को अधिकतम 7.75 फीसदी का ब्याज दे रहे हैं। अगर सरकार 2 फीसदी तक ब्याज बढ़ता है तो सीनियर सिटीजन को मिलने वाला ब्याज 10 फीसदी तक जा सकता है।जिससे उनके बुढ़ापे की गाड़ी आसानी से चल सकती है । सीनियर सिटीजन को हर साल 15एच फॉर्म को जमा करवाने का प्रावधान भी हटाने की मांग हो रही है।

वसई पूर्व सीनियर सिटीजन एसोसिएशन के आनंद बोंगिरवार के अनुसार सरकार वरिष्ठ नागरिको के बैंक मे जमा पूँजी की सुरक्षा देनी चाहिए। इसे 5 लाख की सीमा में लॉक न किया जाय । विमान किराये में वरिष्ठ नागरिकों को 50% डिस्काउंट प्रदान किया जाये। सभी वरिष्ठ नागरिक को पेन्शन दिया जाय क्योकि उन्होंने अपने जीवन काल मे बहुत ही कम पैसे मे गुजर किया था और महंगाई बढ़ने पर उनकी जमा पुंजी मे कमी हो गई हैं।

वरिष्ठ जनों को नकली दाँत बनवाने, और दांतों का इलाज करने में टैक्स में छूट होनी चाहिए । सीनियर सिटीजन को 70 के बजाये 60 साल पर आयुष्मान कार्ड दिया जाये। अभी यह कार्ड गिने चुने हॉस्पिटल में काम आता है। इसे सभी हॉस्पिटल में भी लागू किया जाये, तभी इसकी सार्थकता होगी। रेलवे टिकट में वरिष्ठ नागरिकों को मिलनेवाली छूट कोरोना काल में बंद कर दी गई थी। उसे पुनः चालू कर वृद्ध जनों को राहत दी जा सकती है।

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